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Monday 13 August 2018 01:21:12 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में विश्व हाथी दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने मानव-पशु संघर्ष के पीछे के मूल कारणों पर ध्यान देने और वन्यजातियों के लिए जंगलों एवं वनों की रक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानव-पशु संघर्ष से केवल पशु पर नहीं, बल्कि मनुष्य के अस्तित्व पर संकट है। उन्होंने कहा कि मानव आबादी अस्तित्व के इस संकट को टालने के तत्काल उपाय करे। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि जंगलों एवं वनों की रक्षा वन्यजातियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस अवसर पर हाथियों और दूसरे वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं सेवा के लिए मणिकंदन और उनके परिवार के सर्वोच्च बलिदान का भी स्मरण किया।
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में विशेष सचिव और वन महानिदेशक डॉ सिद्धांत दास ने कहा कि विकास की खोज में मानव के कदम वनों के विनाश की ओर बढ़ गए हैं, जिससे वनों में हाथियों के परिवास भी विभाजित हो गए हैं, इसी वजह से मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। भारत के वन्य जीवन ट्रस्ट की ब्रांड एंबेसडर दीया मिर्जा ने कहा कि इनके संरक्षण के प्रयासों में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि गज महोत्सव संरक्षणवादियों, नीति निर्माताओं, लोगों और विशेष रूपसे बच्चों के साथ मिलकर वन्य पशुओं एवं हाथियों को संरक्षित करने का एक अवसर प्रस्तुत करेगा।
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत के वन्यजीवन ट्रस्ट के साथ मिलकर गज महोत्सव समारोह का आगाज़ किया। चार दिवसीय गज महोत्सव का स्वतंत्रता दिवस पर समापन होगा। गज महोत्सव समारोह में कला प्रदशर्नियों का आयोजन, फिल्म शो, संगीत एवं मनोरंजन पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। विश्व हाथी दिवस पर एक पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें सुरेश प्रभु ने डॉ मणिकंदन को 'सर्वश्रेष्ठ हाथी योद्धा पुरस्कार' से सम्मानित किया। डॉ मणिकंदन की पत्नी संगीता मणिकंदन ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। विख्यात गीतकार प्रसून जोशी द्वारा कंपोज और विख्यात गायिकाओं श्रेया घोषाल, सुनिधि चौहान एवं गायकों में विशाल डडलानी और बेन्नी दयाल द्वारा गाया गया 'मेरे देश की जमीन-वाइल्ड एंथेम' भी इस अवसर पर जारी किया गया।