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Tuesday 14 August 2018 01:13:40 PM
कानपुर। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कानपुर और बिठूर में गंगा के 20 नए घाटों का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कानपुर में जजमाऊ और सीसामाऊ में औद्योगिक प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए नए उपायों के तहत जजमाऊ में 554 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 20 एमएलडी क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र को मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि इसी तरह सीसामाऊ में नदी में गिरने वाले गंदे पानी के नाले को इस साल अक्टूबर तक पूरी तरह सील कर दिया जाएगा, इस नाले से 140 एमएलडी सीवेज का पानी गंगा नदी में गिरता था, करीब 80 एमएलडी पानी को बिनगंवा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की ओर मोड़ दिया गया है और बाकी का पानी इस साल अक्टूबर तक संयंत्र में भेज दिया जाएगा।
गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कानपुर में चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नमामि गंगे परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम में कहा कि उनका मंत्रालय गंगा और उसकी सहायक नदियों को साफ करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, इस काम के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन का उद्देश्य नमामि गंगे कार्यक्रम से जुड़ी सभी योजनाओं को मिशन मोड में पूरा करके निर्मल और अविरल गंगा के उद्देश्य को प्राप्त करना है। उद्घाटन किए गए 20 घाटों में गोला घाट, सरसैया घाट, भैरव घाट, गुप्ता घाट, कोयला घाट, मक जैन घाट, सिद्धनाथ घाट, भागवतदास घाट, मैसेकर घाट, परमत घाट, चप्पर घाट, महिला और तुलसीराम घाट, पांडव घाट, पत्थर घाट, पंचलेश्वर घाट, सीताघाट, भारत घाट, कौशल्या घाट और तुता घाट प्रमुख रूपसे शामिल हैं। चार घाटों और 3 शवदाह गृहों का काम चल रहा है, जो जल्दी ही पूरा हो जाएगा।
नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत कानपुर जोन के लिए 2192 करोड़ रुपये की लागत से 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी। उन्होंने हाईब्रीड एनयूटी मोड के तहत जजमाऊ और बिनगंवा में मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों के संचालन, मरम्मत एवं उन्नयन और कानपुर व बिठूर में घाटों की साफ-सफाई का काम सुधारने और वहां गाद हटाने के काम के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से 6.07 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि नदी में तैरने वाले कचरे को हटाने के लिए कानपुर में पहले से ही एक ट्रैश स्किमर मशीन लगी हुई है, फिलहाल यहां 375 एमएलडी सीवेज निकलता है, जिसके 2035 तक बढ़कर 460 एमएलडी हो जाने की संभावना है। कानपुर शहर की सीवेज शोधन क्षमता फिलहाल 457 एमएलडी है, जबकि 15 एमएलडी क्षमता वाला एक एसटीपी बनियापुरवा में निर्माणाधीन है।
नितिन गडकरी ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवेज ट्रीटमेंट, गाद निकालने, नदी किनारे वृक्ष लगाने, जैव विविधता संरक्षण, घाट और शवदाह गृह विकसित करने के लिए 22,238 करोड़ रुपये की लागत से 221 परियोजनाएं मंजूर की गई हैं, इनमें से 58 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और करीब 14475 करोड़ रुपये की लागत से 4344 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाई जाएगी। उन्होंने कहा कि गंगा की सहायक नदियों में यमुना, काली, रामगंगा, सरयू और कोसी में गिरने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए एसटीपी संयंत्र बनाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती, जल संसाधन राज्यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह, कानपुर से भाजपा के सांसद मुरली मनोहर जोशी, संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।