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भारत में नदियों को जोड़ने की परियोजना शुरू

देश में जल और खाद्य सुरक्षा केलिए ऐसा जरूरी-गडकरी

राष्‍ट्रीय जल विकास एजेंसी की दिल्ली में वार्षिक बैठक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 21 August 2018 02:34:46 PM

national water development agency meeting for the interval of rivers

नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास, गंगा संरक्षण एवं शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नदियों को आपस में जोड़ने पर संबंधित राज्‍यों के बीच सहमति विकसित करने की आवश्‍यकता पर बल दिया, ताकि समुद्र में गिरने वाले पानी का उपयोग आवश्‍यकता वाले इलाकों में किया जा सके। उन्‍होंने राज्‍यों से कहा कि राज्‍य संबंधी विषयों पर सक्रिय विचार-विमर्श से समाधान निकालें, ताकि प्राथमिकता पर परियोजनाएं लागू की जा सकें। देश की जल और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना के महत्‍व को दोहराते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने की पांच परियोजनाओं को शीघ्र लागू करने के लिए सहमति ज्ञापन को संबंधित राज्‍य सरकारों से विचार-विमर्श करके अंतिम रूप दे दिया गया है।
जल संसाधन, नदी विकास मंत्री ने बताया कि नदियों को आपस में जोड़ने की पांच परियोजनाओं में केन-बेतवा संपर्क परियोजना, दमन-गंगा-पिंजाल संपर्क परियोजना, पार-तापी-नर्मदा संपर्क परियोजना, गोदावरी-कावेरी यानी ग्रैंड एनिकट परियोजना और पार्वती-काली-सिंधु-चंबल परियोजना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्‍य के बाहर से नदियों को जोड़ने के लिए राष्‍ट्रीय जल विकास एजेंसी ने नौ राज्‍यों महाराष्‍ट्र, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, बिहार, राजस्‍थान, तमिलनाडु, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ से 47 प्रस्‍ताव प्राप्‍त किए हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि इन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने से बाढ़ आपदा में कमी आएगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार होगा, ग्रामीण कृषि में रोज़गार अवसर उपलब्‍ध होंगे, निर्यात बढ़ेगा और गांव से बाहर जाने वाले लोगों की संख्‍या में कमी आएगी। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं की बाधाओं को दूर करने के लिए अंतरराज्‍य और केंद्र राज्‍य विषयों को हल करने की उचित कानूनी व्‍यवस्‍था बनाने का समय आ गया है।
नितिन गडकरी ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं में यह व्‍यवस्‍था है कि हिमालय की नदियों में उपलब्‍ध अधिक जल को भारत के उन प्रायद्वीप क्षेत्रों में भेजा जाए, जहां पानी आपूर्ति की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था नहीं है, लेकिन अनेक नदियों का पानी अधिक मात्रा में समुद्र में चला जाता है और इसका कोई उपयोग नहीं होता। उन्होंने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं का उद्देश्‍य उन क्षेत्रों में पानी भेजना है, जहां पानी की कमी है। नितिन गडकरी ने विभिन्‍न राज्‍यों के मंत्रियों से ऐसे नदी बेसिनों को चिन्हित करने का अनुरोध किया है, जहां सभी मांगे पूरी करने के बाद नदी का अधिक जल उपलब्‍ध है, जहां से पानी उन क्षेत्रों में भेजा जा सकता है, जहां पानी की कमी है, ताकि उन क्षेत्रों में सूखे की स्थिति में कमी की जा सके, कृषि उत्‍पाद बढ़ाया जा सके, जिससे समाज का सामाजिक और आर्थिक उत्‍थान हो सके।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्‍यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि इन कुछ महीनों में हुए क्षेत्रीय सम्‍मेलनों में बातचीत से अनेक स्‍थानीय समस्‍याएं सुलझाई गई हैं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे सम्‍मेलनों और उसके बाद होने वाली बैठकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्‍य सरकारों के प्रति‍निधियों ने कहा कि केंद्र नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं से संबंधित विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में राज्‍यों का सहयोग ले, ताकि किसी तरह का अनावश्‍यक विलंबन नहीं हो। बैठक में आंध्र प्रदेश के जल संसाधन मंत्री देवीनेनी उमा महेश्‍वर राव, कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डीके शिव कुमार, उत्तराखंड के जल संसाधन मंत्री सतपाल महाराज और तेलंगाना के सिंचाई मंत्री टी हरीश राय मुख्य रूपसे उपस्थित थे।

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