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Wednesday 22 August 2018 01:22:52 PM
गुरूग्राम। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' की गुरूग्राम (हरियाणा) टीम ने 'लक्ष्य गांव गावं की ओर' अभियान के तहत जिला गुरूग्राम के गांव लोशिघानी में एक दिवसीय कैडर कैम्प का आयोजन किया, जिसमें दलित समाज के कई गांव के लोगों ने विशेषतौर पर महिलाओं, युवाओं युवतियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। लक्ष्य की हरियाणा कमांडर कविता जाटव ने बहुजन समाज की महिलाओं और युवतियों के शिक्षित होने और उनका हर क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज का विकास उनकी महिलाओं की जागरुकता पर आधारित होता है, परिवार में किसी महिला के जागरुक एवं शिक्षित होने का अर्थ है कि वह पूरा परिवार जागरुक और शिक्षित है। उन्होंने बेटियों की शिक्षा पर अतिशय जोर दिया।
लक्ष्य के गुरूग्राम मंडल प्रभारी नेत्रपाल और जिला फरीदाबाद के उप-कमांडर बिट्टू ने कहा कि बहुजन समाज के युवाओं को अपने मान-सम्मान एवं अधिकारों के लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि यह समाज के युवाओं की जिम्मेदारी बनती है कि वो बहुजन समाज के अधिकारों के लिए समाज में जागरुकता और भाईचारा बनाएं। लक्ष्य कमांडरों ने कहा कि जिस समाज के युवा शिक्षित और अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होते हैं, उस समाज के अधिकारों और मान-सम्मान पर कोई आंच नहीं आती है। उन्होंने ख़ुशी प्रकट करते हुए कहा कि अब बहुजन समाज की महिलाएं और युवा अपने मान-सम्मान एवं अधिकारों के लिए जागरुक हो रहे हैं, जिसके परिणाम भी देशभर में बहुजन समाज में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने समाज से कहा कि वह अपनी प्राथमिक प्राथमिकताएं सुनिश्चित करे और अपनी ऊर्जा अपने विकास पर लगाए। उन्होंने कहा कि अधिकार तभी प्राप्त किए जा सकते हैं, जब हम उन्हें प्राप्त करना जानते हों, जिसके लिए शिक्षित होना बहुत अनिवार्य है।
लक्ष्य के एनसीआर प्रभारी गंगालाल गौतम और दौलतराम बौद्ध ने लक्ष्य के कार्यों और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि यह संगठन पिछले 20 वर्ष से बहुजन समाज में सामाजिक क्रांति लाने का कार्य कर रहा है और महिलाओं एवं युवाओं को नेतृत्व के लिए तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में लक्ष्य संगठन में तेजी के साथ युवक-युवतियां और महिलाएं जुड़ रही हैं। लोशिघानी गांव के लोगों ने विशेषतौर से युवाओं और महिलाओं ने लक्ष्य के सामाजिक उद्धार कार्यक्रमों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और लक्ष्य के साथ जुड़कर समाज के लिए कार्य करने का संकल्प लिया। गांव वालों का मानना था कि समाज में शिक्षा की बहुत आवश्यकता है, इसके बिना बहुजन समाज सदियों से दूसरे समाज के मुकाबले बहुत पीछे है, यदि उनके समाज के लोगों ने शिक्षा के महत्व को समझा होता तो आज वे बहुत आगे होते।
गौरतलब है कि लक्ष्य बहुजन समाज के भीतर समाज के युवकों युवतियों और पुरुषों के लिए काफी समय से सामाजिक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है। यह बहुजन समाज के उन शिक्षित युवाओं और युवतियों का अभियान है, जो दूसरे समाज की प्रगति को देखकर बहुजन समाज की प्रगति के लिए भी उतने ही उत्सुक हैं। लक्ष्य के कमांडरों का कहना है कि यदि समाज के लोग अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दे पाए और उनमें जीवन के उच्च संस्कार पैदा नहीं कर पाए तो पिछड़ जाएंगे। उनका कहना है कि अब जादूटोनों में पड़े रहने, नशाखोरी और अशिक्षा का समय नहीं है, बहुजन समाज को मान-सम्मान और अधिकार चाहिएं तो समाज के लोग सबसे पहले शिक्षा और संस्कार ग्रहण करें।