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रूस में एससीओ शांति मिशन अभ्यास शुरू

एससीओ देशों के बीच रक्षा सहयोग की प्रमुख पहल

भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत बढ़त

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 25 August 2018 02:19:25 PM

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नई दिल्ली। एससीओ शांति मिशन अभ्यास 2018 की रूस के चेबरकुल शहर में शुरुआत हो चुकी है। इस अभ्यास में सभी आठ एससीओ सदस्य देशों की सैनिक टुकड़ियां भाग ले रही हैं, इन देशों में भारत, कजाखिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। गौरतलब है कि शंघाई सहयोग संगठन यूरेशिया का राजनीतिक आर्थिक और सैनिक संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में शंघाई में चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने मिलकर की थी।
भारत और पाकिस्तान को भी पिछले वर्ष एससीओ संस्था के सदस्य के रूपमें मान्यता दी गई है। एससीओ में चीन, रूस के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है और भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत बढ़त बनाई हुई है। रूस के सेंट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एलेक्जेंदर पावलोविच लेपिन ने अभ्यास की शुरुआत की और सभी देशों की सैनिक टुकड़ियों को संबोधित किया। जनरल एलेक्जेंदर पावलोविच लेपिन ने सैनिक टुकड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया और उन्हें सैन्य कौशल के विभिन्न रूपों से अवगत कराया। रूस में कंबाइंड आर्मस रेंज में सैनिक टुकड़ियों की औपचारिक परेड भी हुई।
आशा है कि यह अभ्यास एससीओ देशों की सशस्त्र सेनाओं को बहुराष्ट्रीय और संयुक्त माहौल के शहरी परिदृश्य में आतंकवाद की कार्रवाइयों से निपटने के प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करेगा। शांति मिशन अभ्यास के दायरे में पेशागत बातचीत, ड्रिलों और अन्य प्रक्रियाओं की आपसी समझ, संयुक्त कमान और नियंत्रण अवसंरचनाओं की स्थापना तथा आतंकवाद के खतरे का सफाया जैसे विषय शामिल हैं। इस अभ्यास में सबसे अधिक रूसी सेना के 1700 जवान, चीन के 700 और भारत के 200 जवान शामिल हैं। एससीओ शांति मिशन एससीओ देशों के बीच रक्षा सहयोग की प्रमुख पहल है और एससीओ रक्षा सहयोग के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक घटना मानी जा रही है।

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