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Saturday 25 August 2018 02:50:36 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना और प्रसारण सचिव अमित खरे ने एक कार्यक्रम में रोज़गार और स्वरोज़गार पर ‘योजना’ पत्रिका के विशेष अंक को जारी किया। इस विशेष अंक के विषय ‘रोजगार और स्वरोज़गार’ का चयन हाल की रिपोर्टों और अर्थशास्त्रियों की ऐसी टिप्पणियों पर आधारित था, जोकि देश में रोज़गार की स्थिति और रोज़गार सृजन संबंधी आंकड़ों की सही तस्वीर पेश नहीं करते। इस अंक में प्रकाशित लेख भारत सरकार के सचिवों, फिक्की जैसे पेशेवर संगठनों के विशेषज्ञों और नीति आयोग के विशेषज्ञों ने लिखे हैं और लेखों में विषय के विभिन्न पक्षों के बारे में समग्र राय प्रस्तुत की गई है।
रोज़गार और स्वरोज़गार पर योजना पत्रिका के विशेष अंक में विश्वसनीय रोज़गार डाटा से लेकर पेरोल रिपोर्टिंग के लाभ, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका अवसर सृजन से लेकर रोज़गार के नए इंजन के रूपमें एमएसएमई, प्रमुख रोज़गार सृजन के रूपमें उद्यमशीलता से लेकर भारतीय श्रम बाज़ार के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इस अंक में मुद्रा जैसे विभिन्न कार्यक्रमों से संबंधित सफलता की कहानियों को भी शामिल किया गया है। योजना, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित की जाने वाली विषय आधारित पत्रिका है, इसका प्रकाशन 13 भाषाओं में किया जाता है और इसकी संयुक्त प्रसार संख्या लगभग दो लाख है।
योजना पत्रिका के पाठक आठ लाख से अधिक हैं। यह पत्रिका नियोजन और विकास संबंधी विषयों और देश के सामाजिक, आर्थिक विषयों पर विमर्श का मंच प्रदान करती है और विभिन्न विषयों पर आम पाठकों को विश्लेषण सम्पन्न सामग्री प्रस्तुत करती है। पिछले एक वर्ष में इस पत्रिका ने विमुद्रीकरण, जीएसटी, सामाजिक सुरक्षा, बैंकिंग सुधार, केंद्रीय बजट 2018-19, भारत की विकास यात्रा, एमएसएमई और उपभोक्ता जागरुकता जैसे समकालीन विषयों पर फोकस किया है। अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ और जाने-माने लेखक इस पत्रिका में लिखते है। इनमें भारत सरकार के सचिव भी शामिल हैं। इस अवसर पर प्रकाशन विभाग की महानिदेशक साधना राउत और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।