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कवियों की बेटियां होती हैं कविताएं-विष्णु खरे

हिंदू कालेज दिल्ली में 'कविता को पढ़ना-पढ़ाना' कार्यक्रम

हिंदी साहित्य सभा के पदाधिकारियों की भी घोषणा हुई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 29 August 2018 01:22:35 PM

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नई दिल्ली। प्रसिद्ध कवि और हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष विष्णु खरे ने अमीर खुसरो, मीर तक़ी मीर, ग़ालिब, निराला, मुक्तिबोध, कुंवर नारायण, केदारनाथ सिंह और चंद्रकांत देवताले की कुछ कविताओं को उद्धृत करते हुए कहा है कि हिंदी के कवि जनता के साथ खड़े रहे हैं, उनकी कविता का जनता के साथ होना उनके बड़े कवि होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यदि कोई पाठक ठीक से कविता पढ़ना जानता है तो वह भी सत्तर फीसद कवि है या कवि हो सकता है। विष्णु खरे ने 'कविता को पढ़ना-पढ़ाना' विषय पर हिंदू कालेज की हिंदी साहित्यसभा के उद्घाटन भाषण में कहा कि पाठक भी वस्तुत: बहुत बड़ा कवि होता है। उन्होंने युवा श्रोताओं से कहा कि कविता पढ़ना बहुत परिश्रम की मांग करता है और इसके लिए विश्व पाठक बनना होगा।
हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष विष्णु खरे ने महानतम पाठक उसे बताया जिसकी कवि स्वयं प्रतीक्षा करे। उन्होंने अनेक कविताओं की चर्चा की, जिनमें अमीर खुसरो की विशद चर्चा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर गई। उन्होंने कवि मुक्तिबोध की कविता 'रातभर चलते हैं अकेले ही सितारे' तथा कुंवर नारायण की कविता 'दिल्ली की तरफ' के अंशों का पाठ किया। केदारनाथ सिंह की प्रसिद्ध कविता 'मोड़ पर विदाई' का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हर कवि की कविताएं उनकी बेटियां होती हैं। चंद्रकांत देवताले की बहुचर्चित कविता 'बाई दरद ले' के पाठ के साथ उन्होंने अपना व्याख्यान पूरा किया। विष्णु खरे ने हिंदी विभाग की भित्ति पत्रिकाओं 'अभिव्यक्ति' और 'लहर' के नए अंकों का भी अनावरण किया।
हिंदी विभाग की ओर से डॉ विजया सती ने विष्णु खरे को पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया और डॉ रामेश्वर राय ने विष्णु खरे का परिचय देते हुए समकालीन काव्यजगत में उनके अवदान और महत्व की चर्चा की। हिंदी विभाग की प्रभारी डॉ रचना सिंह नेसत्र 2018-19के लिए हिंदी साहित्यसभा के पदाधिकारियों की घोषणा की जिनमें-अध्यक्ष वागीश शुक्ल एमए उत्तरार्ध, उपाध्यक्ष-प्रत्यूष यादव एमए पूर्वार्ध, महासचिव एवं मीडिया प्रभारी राहुल कसौधन तृतीय वर्ष और कोमल तृतीय वर्ष, सचिव-चेतन सचान द्वितीय वर्ष, सह सचिव-प्रणव सचान प्रथम वर्ष, संयोजक-अभिषेक कुमार मिश्र तृतीय वर्ष, कोषाध्यक्ष-पूजा द्वितीय वर्ष होंगे। कार्यक्रम में विभाग के अध्यापक डॉ अभय रंजन, डॉ पल्लव, कवि विनोद विट्ठल और बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित थे।

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