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Wednesday 5 September 2018 03:16:49 PM
निकोसिया/ नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साइप्रस विश्वविद्यालय में ‘युवा, प्रौद्योगिकी और आइडिया : 21वीं शताब्दी की रूपरेखा को नया स्वरूप प्रदान करना’ विषय पर व्याख्यान दिया। राष्ट्रपति ने साइप्रस विश्वविद्यालय में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम तेजी से बदलती दुनिया में रहते हैं, जहां प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप, नवाचार, नए विचार, डिजिटल सहायक और स्वच्छ ऊर्जा की दुनिया हमारी ज़िंदगी में अविश्वसनीय तरीके से बदलाव ला रही है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि शायद इतिहास में पहली बार इस तेज बदलाव को लाने में युवा सीधे तौर पर और बड़े स्तर पर शामिल होंगे। रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत और साइप्रस एक चुनौतीपूर्ण सुरक्षा वातावरण में स्थित हैं और हमें शांति और सुरक्षा की तलाश में एक-दूसरे की मदद करनीचाहिए। उन्होंने आतंकवाद का विषय आने पर कहा कि भारत आतंकवादी गतिविधियों की पुरजोर निंदा करने के लिए साइप्रस की सराहना करता है और आतंकवाद को हराने और उसे नष्ट करने के लिए साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने सीखने की एक पूरी नई दुनिया खोल रखी है, इसने हमारे कार्यों को पूरा करना भी काफी आसान बना दिया है, हालांकि किसीको प्रौद्योगिकी की तत्काल प्रकृति की धारा में नहीं बहना चाहिए, श्रेष्ठता की दौड़ मुख्य कारक होनी चाहिए, जो भावी पीढ़ियों को प्रभावित कर सके। राष्ट्रपति ने कहा कि बदलती दुनिया वैश्विक समुदाय के बीच और अधिक सहयोग की मांग करती है, हमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के फायदों का लाभ पाने के लिए विभिन्न समुदाय और देशों के लिए खुले संसाधन मंच का निर्माण करना चाहिए।