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Saturday 8 September 2018 06:05:32 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में कम दुर्बलता के साथ आयु वृद्धि और बढ़ती सक्रियता विषय पर इंटरनेशनल जेरीऐट्रिक ऑर्थोपेडिक सोसायटी ऑफ इंडिया के छठे सम्मेलन का उद्घाटन किया। गृहमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीण और ग़रीब लोगों के लाभ के लिए भारत सरकार की आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सरकार ग़रीबों, जरूरतमंद लोगों तथा उनके परिवारों और विशेषकर वृद्धजनों के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा के साथ किफायती स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करेगी।
राजनाथ सिंह ने देश में संयुक्त परिवार संस्कृति के विघटन के कारण वृद्धजनों की बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं की चर्चा करते हुए कहा कि यह योजना ऐसे वृद्धजनों की स्वास्थ्य समस्याओं की भी देखभाल करेगी। उन्होंने कहा कि हमें संयुक्त परिवार की संस्कृति बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि वृद्धजनों को शारीरिक देखभाल के अतिरिक्त भावनात्मक देखभाल की भी जरूरत होती है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वृद्धजनों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसे आयोजन के लिए जेरीऐट्रिक ऑर्थोपेडिक सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रयासों की सराहना की।
राजनाथ सिंह ने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन के विचार-विमर्श से सहभागियों और सामान्य लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास जरूरतमंद लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के सरकार के गंभीर प्रयासों की दिशा में है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि देश में वृद्धजनों की आबादी बढ़ रही है और यह आबादी 2050 तक 30 करोड़ हो जाएगी, इसलिए देश में स्वास्थ्य सुविधाओं कोबढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सरकार पूरे देश में 1,50,000 स्वास्थ्य केंद्र और उपकेंद्र स्थापित करेगी।