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Tuesday 18 September 2018 02:47:12 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने विश्वकर्मा जयंती पर हर क्षेत्र के कामगारों को बधाई दी और कहा कि कामगार आधुनिक भारत के निर्माता हैं। उन्होंने दिल्ली में एक विशेष आयोजन में कामगारों को साझा तौरपर विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार प्रदान किए। श्रम राज्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि देश में 6 करोड़ कामगार संगठित क्षेत्र में हैं, जिन्हें ईपीएफओ और ईएसआईसी के लाभ मिल रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन 40 करोड़ कामगारों के लिए विशेष रूपसे चिंतित हैं, जोकि असंगठित क्षेत्र में हैं।
श्रम राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन कामगारों की काम की परिस्थितियों, सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा एवं इनके जीवनस्तर में सुधार के लिए अनेक कदम उठाए हैं। श्रम राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों ने भवन निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों के लिए 40 हजार करोड़ रुपये की राशि एक अधिभार के जरिए एकत्रित की है और वे इस राशि का उपयोग भवन निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों के कल्याण के लिए कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिला कामगारों की भलाई और सुरक्षा के लिए विशेष तौरपर चिंतित है, इसीके तहत हाल ही में 50 या इससे ज्यादा कामगारों वाले प्रतिष्ठानों के लिए शिशुगृह की व्यवस्था को अनिवार्य बना दिया गया है और मातृत्व अवकाश को 12 से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है, करीब 14 लाख आंगनवाड़ी कर्मियों का मानदेय 3 हजार से बढ़ाकर साढ़े चार हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है, इसी भांति आंगनवाड़ी सहायकों का मानदेय 1,500 से बढ़ाकर 2,250 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।
संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना की मदद से रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, नए कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्य निधि के लिए 12 प्रतिशत की राशि का भुगतान केंद्र सरकार कर रही है, ताकि नियोक्ता पर नए कर्मचारी रखने पर दबाव ना पड़े और रोज़गार के अवसरों को बढ़ाया जा सके। संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि सरकार ने 87,000 संस्थानों में 72 लाख कर्मचारियों की भविष्य निधि के अंश के तौरपर 1,744 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। श्रम मंत्रालय के सचिव हीरालाल समारिया ने सभी संस्थानों के प्रबंधन से कामगारों के कौशल विकास के लिए प्रयास करने को कहा है।
गौरतलब है कि श्रम मंत्रालय 1965 से ही विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार प्रदान कर रहा है, पहले इन्हें राष्ट्रीय श्रमवीर पुरस्कार के नाम से जाना जाता था। नगद पुरस्कार और प्रमाण पत्र के साथ तीन श्रेणियों में 28 विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं-क श्रेणी के पांच पुरस्कार, जिसमें प्रत्येक विजेता को 75,000 रुपये और ख श्रेणी के आठ पुरस्कार, जिसमें प्रत्येक विजेता को 50,000 रुपये और ग श्रेणी में 25,000 रुपये प्रत्येक के साथ 15 पुरस्कार। औद्योगिक उपक्रमों, निर्माण स्थलों, पत्तनों और परमाणु ऊर्जा नियामक आयोग के तहत आने वाले संस्थानों में संरक्षा के अद्भुत कार्य को मान्यता देने के लिए राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार दिए जाते हैं, ताकि कामगारों एवं प्रबंधन दोनों को ही दुर्घटना से बचाव के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस अवसर पर अतिरिक्त सचिव अनुराधा प्रसाद, कामगार संगठनों के प्रतिनिधि और पुरस्कार विजेताओं के परिजन और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।