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Wednesday 19 September 2018 01:31:46 PM
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली के डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2017-18 प्रदान किए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2014 में स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम लांच के दौरान ये पुरस्कार प्रारंभ किए थे। इस अवसर पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्वच्छता अभियान एक जन आंदोलन बन गया है और देश में सभी जगह स्वच्छता को आदत के रूपमें अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्वच्छता गतिविधियों से समाज में सार्थक व्यवहार परिवर्तन होगा। मानव संसाधन विकास मंत्री ने यह बात दोहराते हुए कहा कि विद्यार्थी स्वच्छता के एंबेसडर हैं और ये जागरुकता तथा स्वच्छता के बारे में लोगों को संवेदी बनाने के कार्यक्रमों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के विजन का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने बताया कि इसबार के पुरस्कार के लिए 6,15,152 स्कूलों ने पंजीकरण कराया था, जो पिछले वर्ष की पंजीकरण संख्या 2016-17 में 2.68 लाख स्कूल की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। उन्होंने बताया कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले स्कूलों को डिजिटल भुगतान के माध्यम से 50,000 रुपये के अतिरिक्त स्कूल अनुदान के साथ मान्यता प्रमाणपत्र भी दिए जा रहे हैं।
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार जल तथा स्वच्छता के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य करने वाले विद्यालयों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार स्वच्छता के प्रति लम्बी अवधि की निरंतरता और व्यवहार परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए दिया जाता है। पुरस्कार स्वच्छता के बारे में और अधिक सुधार करने के उद्देश्य से स्कूलों के लिए मानक और रोडमैप प्रदान करता है। इस वर्ष पहली बार सरकारी और सरकारी सहायता से चलने वाले विद्यालयों के अतिरिक्त प्राइवेट स्कूलों को भी पुरस्कार दिए गए हैं। इस अवसर पर पेयजल तथा स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव रीना रे और मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की प्रमुख विशेषताएं हैं-पुरस्कारों की प्रक्रिया पुरस्कार के क्रियान्वयन और तकनीकी सहयोगियों यूनिसेफ तथा भारतीय प्रशासनिक स्टॉफ कॉलेज की सलाह से विकसित की गई है। पुरस्कार के लिए स्कूलों ने वेबसाइट और मोबाइल एप के माध्यम से स्वेच्छा से ऑनलाइन आवेदन किए हैं। स्कूलों की रेटिंग पांच व्यापक मानकों पर पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से की जाती है। ये मानक हैं-जल, शौचालय, साबुन से हाथ धोना,संचालन और रखरखाव और व्यवहार परिवर्तन तथा क्षमता सृजन। पुरस्कृत किए जाने वाले 52 स्कूलों में से 37 स्कूल ग्रामीण क्षेत्र से और 15 स्कूल शहरी क्षेत्र से थे। पैंतालीस विद्यालय सरकारी, सरकारी सहायता प्रदत्त और 7 प्राइवेट स्कूल थे, इनमें से 24 प्राथमिक विद्यालय और 28 माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। पुरस्कृत किए जाने वाले स्कूलों में 5 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और 2 नवोदय विद्यालय थे। चार राज्यों पुदुचेरी, तमिलनाडु, गुजरात और आंध्र प्रदेश तथा नौ जिलों पुदुचेरी, श्रीकाकुलम, चंडीगढ़, हिसार, कराईकल, लातूर, नेल्लोर, दक्षिण गोवा, वड़ोदरा को राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से अधिक संख्या में पुरस्कृत स्कूलों के लिए मान्यता प्रमाणपत्र दिए गए।