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महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिए पोर्टल लांच

केंद्रीय गृहमंत्री की राज्य पुलिस अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस

पोर्टल से होगी यौन अपराधों की निगरानी व जांच में सहायता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 21 September 2018 04:18:24 PM

video conferencing from the union home minister's state police officers

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए राज्यों के पुलिस अधिकारियों से कहा है कि पीड़ितों को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए उनको जमीनीस्तर पर आनेवाली चुनौतियों का सामना बड़ी ही सूझबूझ से करना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, इनमें सख्त सजा का प्रावधान एवं जांच में सुधार लाने के लिए आधुनिक फोरेंसिक सुविधाओं का सृजन, गृह मंत्रालय में महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना एवं महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षितनगर जैसी कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। गृहमंत्री ने इस अवसर पर महिला सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए दो पोर्टल लांच किए और बताया कि दोनों पोर्टल महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस अधिकारियों से दोनों पोर्टल की पूरी क्षमता का उपयोग करने और उन्हें अधिक प्रभावी बनाने के लिए डाटाबेस को नियमित रूपसे अद्यतन करने का आग्रह किया। राजनाथ सिंह ने महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कुछ राज्यों की सराहना भी की एवं उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को साझा करने का आग्रह किया, जिससे कि दूसरे राज्य भी उनका अनुसरण कर सकें। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भी इस दौरान मौजूद थीं। उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से आश्रय गृहों में बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने यौन अपराधों की त्वरित जांच के लिए पुलिस थानों में फोरेंसिक किट के प्रावधान की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने पुलिस को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने को कहा, जिनमें कोई पति विवाह के तुरंत बाद अपनी पत्नी को छोड़ देता है।
केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने यौन अपराधों की जांच समयबद्ध तरीके से पूरी करने को कहा, जिससे कि संभावित अपराधियों के बीच अवरोध की भावना पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय सभी राज्यों में प्रगति की निगरानी करेगा। उन्होंने कहा कि दोनों पोर्टल विशेष रूपसे ऐसी जांचों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए बेहद सहायक होंगे, जिनमें अपराधी अपराध करने के बाद दूसरे राज्यों में भाग जाते हैं। उन्होंने बताया कि पोर्टल चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बाल यौन उत्पीड़न सामग्री, दुष्कर्म एवं सामूहिक दुष्कर्म जैसी यौन रूपसे स्पष्ट सामग्री से संबंधित आपत्तिजनक ऑनलाइन कंटेंट पर नागरिकों से शिकायतें प्राप्त करेगा। उन्होंने बताया कि यौन अपराधियों पर राष्ट्रीय डाटाबेस, जो अभी केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए सुगम है, यौन अपराधों का पता लगाने एवं मामलों की जांच करने में प्रभावी रूपसे सहायता करेगा।
राजीव गौबा ने बताया कि महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम पोर्टल सुविधाजनक और उपयोग में आसान है, जो शिकायतकर्ताओं को बिना उनकी पहचान जाहिर किए शिकायत दर्ज कराने में सहायता करेगा। पोर्टल का लिंक cybercrime.gov.in है। उन्होंने बताया कि दूसरा पोर्टल यौन अपराधियों पर राष्ट्रीय डाटाबेस से संबंधित है, यह देश में यौन अपराधियों पर एक केंद्रीय डाटाबेस है, जिसका रखरखाव नियमित निगरानी के लिए एनसीआरबी करेगा एवं राज्य पुलिस इसकी ट्रैकिंग करेगी। ग़ौरतलब ‌है कि गृह मंत्रालय ने पहले ही साइबर अपराध जांच को सुदृढ़ बनाने के लिए साइबर फोरेंसिक व प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना तथा पुलिस अधिकारियों, सरकारी वकीलों और न्यायिक अधिकारियों की क्षमताओं में वृद्धि के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए राज्यों, संघशासित प्रदेशों को 94.5 करोड़ रुपये का अनुदान जारी कर दिया है। गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहिर, गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों एवं राज्यों तथा संघशासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग में भाग लिया।

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