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Friday 21 September 2018 05:51:57 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की पहचान एक असीम सम्भावनाओं वाले प्रदेश के रूपमें बन गई है और भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रदेश में विकास का नया युग प्रारम्भ हुआ है। इस वर्ष फरवरी में ‘यूपी इंवेस्टर्स समिट-2018’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब समिट का आयोजन किया जाना था, तब बहुत से लोगों का ये मानना था कि उत्तर प्रदेश में कौन निवेश करने आएगा, लेकिन सरकार को अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा था, जिसके चलते यह आयोजन सफलतापूर्वक न केवल सम्पन्न हुआ, बल्कि अबतक लगभग 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रदेश को मिल चुके हैं और यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 जुलाई को इन प्रस्तावों में से 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का शिलान्यास भी कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होटल रमाडा में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया के 53वें वार्षिक कंवेंशन के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल राष्ट्रीयस्तर पर, बल्कि अंतर्राष्ट्रीयस्तर पर निवेश का बेहतरीन डेस्टिनेशन बन चुका है। उन्होंने बताया कि यहां निवेश प्रस्तावों के तहत हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के काफी प्रस्ताव मिले हैं, पर्यटन को बढ़ावा देने और इसके माध्यम से रोज़गार सृजित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार इस सेक्टर में निवेश करने वालों को प्रोत्साहित करेगी, राज्य सरकार की मंशा इस सेक्टर में प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश सुनिश्चित करने की है। मुख्यमंत्री ने कंवेंशन की थीम ‘स्प्रिचुअल एंड वेलनेस टूरिज्म’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आज के परिप्रेक्ष्य में यह अत्यंत प्रासंगिक थीम है, उत्तर प्रदेश में स्प्रिचुअल एंड वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में व्यापक सम्भावनाएं मौजूद हैं और राज्य सरकार प्रदेश के पर्यटन स्थलों का विकास कर रही है, ताकि देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने की जो योजना बनाई है, उसके तहत उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक धार्मिक सर्किटों की स्थापना की गई है, प्रदेश में रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, कृष्ण सर्किट, सूफी सर्किट जैसे महत्वपूर्ण सर्किट श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध हैं। प्रयाग कुम्भ-2019 का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विश्व का विशालतम आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समागम है, इसमें लगभग 13 करोड़ लोगों के आने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ में भाग लेने का अवसर रहेगा, इस समागम में न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक भी आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति का एक जीवंत प्रसंग है, सम्पूर्ण देश में पर्यटन को प्रोत्साहित करने में इस आयोजन की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रयाग कुम्भ-2019 के भव्य एवं दिव्य आयोजन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, इसके लिए तीर्थराज प्रयाग में युद्धस्तर पर अवस्थापना विकास कार्य कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में अन्य प्रकार के पर्यटन जैसे ईको टूरिज्म, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म इत्यादि की भी व्यापक सम्भावनाएं मौजूद हैं, जिन्हें बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 लागू की गई है, इसके माध्यम से राज्य में देश के सर्वाधिक पर्यटकों के आगमन, पर्यटन सर्किट बनाने, पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास आदि पर विशेष बल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेलनेस अथवा स्वास्थ्य पर्यटन के क्षेत्र में देश ने तेजी से अपना विशिष्ट स्थान बनाया है, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन के क्षेत्र में विकास की अपरिमित सम्भावनाएं मौजूद हैं, प्रदेश में कुशल डॉक्टरों और आधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पतालों की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सेवाएं अन्य देशों के मुकाबले काफी सस्ती हैं, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, योग आदि की समृद्ध परंपरा स्वास्थ्य हेतु पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा कारण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारम्परिक भारतीय चिकित्सापद्धति आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के उपचार में अत्यंत कारगर सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग अर्थव्यवस्था के विकास में अत्यंत सहायक है, कई देशों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर है, राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के गम्भीर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आशा व्यक्त की कि राजधानी लखनऊ में इस कंवेंशन के आयोजन से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने होटल के प्रांगण में वृक्षारोपण किया। उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। आयोजकों की तरफ से मुख्यमंत्री को एक प्रतिमा प्रतीक स्वरूप भेंट की गई। इस अवसर पर वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल, पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, परमार्थ आश्रम, ऋषिकेश के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती, अपर मुख्य सचिव पर्यटन एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, एफएचआरएआई के अध्यक्ष गरीश ओबरॉय और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।