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Thursday 27 September 2018 12:44:54 PM
जयपुर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राजस्थान में स्मार्ट सिटी एक्सपो इंडिया 2018 के उद्धाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा है कि यातायात की समस्या के तीव्र उपाय जरूरी हैं, जिसके लिए पैदल यात्रीपथ गैर मोटर क्षेत्र समय की आवश्यकता है। उपराष्ट्रपति ने शहरी योजनाकारों से ग़रीबों, प्रवासियों तथा महिलाओं की आजीविका, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा है और साथ में यह भी कहा है कि हाशिए पर चल रहे वर्गों की कमजोरियों पर भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट शहरों के तहत संचालित हर परियोजना के मूल में सामाजिक विकास होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि योजनाकारों को ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने, शहरी कचरे की रीसाइक्लिंग और भूमि उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता के अलावा शहरों में वायु, जल, मिट्टी और ध्वनि प्रदूषण की चिंताओं को दूर करना होगा। उन्होंने गुणवत्तापरक शिक्षा, स्वास्थ्य, गैरकृषि और संबद्ध उद्योगों में आय के अवसर के माध्यम से आस-पास के गावों को स्मार्ट गांवों के रूपमें विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकिशहरों में आबादी के असमान प्रवाह को रोका या सीमित किया जा सके। उपराष्ट्रपति ने कहा कि गावों को नज़रअंदाज कर भारत एकतरफा विकास नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि गावों को सड़क, बिजली और डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करना शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से गावों को अपने उत्पादन के लिए बड़ा बाज़ार मिल सकता है और सड़कों से आवाजाही सुनिश्चित हो सकती है।
वेंकैया नायडू ने कहा कि ट्रैफिक जाम की समस्या तथा वाहन प्रदूषण हमारे शहरों की प्रमुख समस्या बन गया है और इस पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे शहरों में बड़े पैमाने पर ईंधन की खपत हो रही है, क्योंकि लोग सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की बजाय ज्यादा ईंधन खर्च करने वाले निजी वाहनों को पसंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम इस प्रवृत्ति को जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एकजुट तरीके से कार्य करने की जरूरत है। इस अवसर पर आवास और शहरी राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, राजस्थान के शहरी विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी, राजस्थान के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री अरुण चतुर्वेदी, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर हीयू वैन ली एसी और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।