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Thursday 27 September 2018 03:20:22 PM
जयपुर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने होम्योपैथी विश्वविद्यालय जयपुर के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि चिकित्सा एक उत्कृष्ट पेशा है, लेकिन महंगी स्वास्थ्य सेवाएं एक गंभीर सामाजिक समस्या हैं और आयुष्मान भारत योजना समाज के ग़रीब तथा जरूरतमंद वर्गों के लिए सही मायनों में वरदान साबित होगी। होम्योपैथी को दवा की वैकल्पिक प्रणाली बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि दूरदराज के इलाकों में जहां कोई आधुनिक उपचार चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां होम्योपैथी एक अहम भूमिका निभा सकती है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि दवाओं की सभी प्रणालियों के लिए आदर्श प्रथाओं और प्रक्रियाओं को स्थापित करना समय की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने होम्योपैथी शिक्षा और शोध की गुणवत्ता को आदर्श बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सामूहिक दायित्व होना चाहिए कि अपने लाभ के लिए हम अनैतिक तरीकों का उपयोग नहीं करेंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसलिए यह आवश्यक है कि होम्योपैथी संस्थान और शोध परिषद इस तरह की पहलों की शुरूआत करें, ताकि एक कुशल जनशक्ति का निर्माण हो सके। उपराष्ट्रपति ने सही विनिर्माण प्रथाओं का पालन करने के लिए दवा निर्माताओं को मजबूती से गुणवत्ता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सर्राफ, राजस्थान से सांसद और होम्योपैथी विश्वविद्यालय के प्रायोजन सोसायटी के अध्यक्ष डॉ मनोज राजोरिया और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।