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बांग्‍लादेश की आर्थिक वृद्धि एक आदर्श-सुरेश प्रभु

बांग्‍लादेश की आर्थिक प्रगति के लिए शेख हसीना को भारत की बधाई!

'बांग्‍लादेश भारत से एक समग्र आर्थिक साझेदारी करने पर विचार करे'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 27 September 2018 03:30:29 PM

a discussion on the indo-bangladesh trade relations

ढाका/ नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि बांग्‍लादेश की आर्थिक वृद्धि एक आदर्श है, जिसका अन्‍य कम विकसित राष्‍ट्र अनुसरण कर सकते हैं। उन्‍होंने बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को आर्थिक वृद्धि के क्षेत्र में तेज़ उछाल, ग़रीबी उन्‍मूलन और सामाजिक एवं मानव विकास के लिए बधाई दी। सुरेश प्रभु ने यह बात ढाका में बांग्‍लादेश के वाणिज्‍य मंत्रालय की भारत-बांग्‍लादेश व्‍यापार संबंध पर एक परिचर्चा में कही। सुरेश प्रभु ने कहा कि कम विकसित राष्‍ट्र के दर्जे से ऊपर उठने के बाद बांग्‍लादेश को साफ्टा के तहत भारतीय बाज़ार में ड्यूटी फ्री और कोटा फ्री सुविधा नहीं मिलेगी। इस संदर्भ में उन्‍होंने प्रस्‍ताव रखा कि भारत और बांग्‍लादेश एक समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्‍ताक्षर करने पर विचार कर सकते हैं, जिससे वस्‍तु एवं सेवा और निवेश में व्‍यापार हो सकता है।
वाणिज्‍य मंत्री सुरेश प्रभु ने प्राकृतिक एवं पर्यावरण के अनुकूल रेशे के रूपमें जूट की संभावना को रेखांकित करते हुए सुझाव दिया कि इस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों की एक संयुक्‍त व्‍यापार समूह जांच कर सकता है। उन्होंने कहा कि वह बांग्‍लादेश के वाणिज्‍य मंत्री के साथ बैठक में व्‍यापार संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए एक रोडमैप विकसित करने के प्रति आशांवित हैं। उन्‍होंने वस्‍तुओं और लोगों की आसान आवाजाही के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में सुधार जैसे कई अन्‍य मुद्दों के बारे में भी चर्चा की। सुरेश प्रभु ने कहा कि ढाका को बांग्‍लादेश के बाकी हिस्‍सों से ब्रॉड गॉज रेलवे लाइन से जोड़ने में मदद की संभावना पर भी दोनों देश विचार कर सकते हैं। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने, कृषि निर्यात को बढ़ावा देने, नई औद्योगिक नीति, उभरते क्षेत्र की पहचान और उसमें मदद करने, विश्‍व में भारत की स्थिति, एक लम्‍बी अवधि की समग्र लॉजिस्टिक नीति, जिलावार वृद्धि एवं व्‍यापार करने में आसानी में और सुधार, भौगोलिक संकेतकों और अगले 7-8 वर्ष में भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्‍य सहित भारत सरकार की कई पहलों के बारे में विस्‍तार से बताया।
सुरेश प्रभु ने इन पहलों को लागू करने के अच्‍छे तरीकों और इनसे मिले अनुभवों को बांग्‍लादेश के साथ भागीदारी और साझा करने का प्रस्‍ताव भी रखा। उन्होंने वैश्विक व्‍यापार व्‍यवस्‍था में बहुपक्षवाद को मजबूत करने और मुद्दों को सुलझाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बांग्‍लादेश के वाणिज्‍य मंत्री तुफैल अहमद को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने विश्‍व व्‍यापार संगठन को और मजबूत निकाय बनाने और वैश्विक व्‍यापार को मदद देने के लिए भारत और बांग्‍लादेश के बीच सहयोग को जारी रखने का आह्वान किया। गौरतलब है कि भारत और बांग्लादेश के बीच बड़े करीब के रिश्ते हैं, जिनमें भारत हमेशा से बांग्लादेश के साथ आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को महत्व देता आया है। बांग्लादेश सरकार भी इसमें बड़ा सक‌ारात्मक व्यवहार रखती है, मगर एक समस्या गंभीर है, जिसमें बांग्लादेश की धरती से भी भारत विरोधी अभियान चलते हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो बुरा बर्ताव होता है और उनपर इस्लामिक कट्टरपंथी जो वीभत्स हमले करते हैं, उनपर बांग्लादेश सरकार कोई नियंत्रण नहीं पा सकी है। भारत सरकार चाहती है कि बांग्लादेश सरकार इसपर ध्यान दे और भारत से गहरी सामाजिक मित्रता के साथ चले।

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