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Friday 28 September 2018 04:59:10 PM
नई दिल्ली। भारत के ऊनी उत्पादों और फैशन वस्तुओं के विख्यात निर्यातक और विक्रम एक्सपोर्ट्स के मालिक रोमेश खजूरिया को ऊन और वूलेंस निर्यात संवर्धन परिषद की कार्यकारी समिति का सदस्य निर्वाचित किया गया है। रोमेश खजूरिया के अलावा दो अन्य उम्मीदवार भी निर्विरोध निर्वाचित हुए जो हैं-मलिक मोहम्मद सलीम एमएस फेयर एंड मोर दिल्ली और राजेश खन्ना अकाल स्टाइलवॉव प्राइवेट लिमिटेड गोवा। तीन उम्मीदवारों ने रोमेश खजूरिया के पक्ष में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली, जिससे कि वे निर्विरोध सदस्य निर्वाचित हो गए।
वूल एंड वूलेंस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल 1964 में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत अस्तित्व में आई थी और यह भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम कर रही है। डब्ल्यू और डब्ल्यूपीसी उन निर्यातकों की मदद करती है, जो वैश्विक बाज़ार में बढ़ने और प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरपर विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से ऊन और ऊनी उत्पादों का निर्यात करते हैं, इसलिए यह काउंसिल एक प्रतिष्ठाजनक है और भारत में निर्यातकों के लिए वॉयोलेंस निर्यात के क्षेत्र में भरोसेमंद एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डब्ल्यू और डब्ल्यूपीसी देशभर में अपने एक हजार से भी अधिक सदस्यों के साथ ऊनी निर्यातकों को सेवाएं प्रदान कर रही है। चालू वर्ष के दौरान डब्ल्यू एंड डब्ल्यूपीसी दुनियाभर में जिन बारह प्रमोशनल कार्यक्रमों को आयोजित कर रही है वे हैं-सेंट पीटर्सबर्ग, लंदन, मेलबोर्न, दुबई, पोलैंड, कनाडा, लिथुनिया, दक्षिण कोरिया, मिस्र, पेरिस और लैटिन अमेरिका आदि देश।
नई दिल्ली में आयोजित डब्ल्यू और डब्ल्यूपीपीसी की वार्षिक आम बैठक में चुनाव समिति ने इसके अध्यक्ष श्रीनीश घई और कार्यकारी निदेशक महेश सनेल की उपस्थिति में चुनाव के नतीजे घोषित किए। इस अवसर पर डब्ल्यू और डब्ल्यूपीसी के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि मार्च 2018 के दौरान रोमेश खजूरिया ने डब्ल्यू और डब्ल्यूईपीसी के उपाध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव लड़ा था और 51 वोट प्राप्त किए थे, जिसके परिणामस्वरूप पुणे के निटवियर्स और लुधियाना (पंजाब) के एक अन्य उम्मीदवार संजीव धीर के साथ एक टाई हुई, जिसमें बराबर संख्या में मतदान हुआ और अंतिम निर्णय के लिए भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय को भेजा गया था, जो अभी भी वहां लंबित है। रोमेश खजूरिया जम्मू-कश्मीर के जम्मू जिले के रेहल बिश्नाह गांव से हैं और उन्होंने नई दिल्ली में अपने निर्यात कारोबार की स्थापना की, जिसमें उन्होंने यूरोप में ऊनी उत्पादों और अन्य फैशन वस्तुओं का निर्यात किया।