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Saturday 29 September 2018 04:18:31 PM
लखनऊ। हिंदी सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है, हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं, बल्कि हम सबकी पहचान है, यह हर हिंदुस्तानी का हृदय है। हिंदी को राष्ट्रभाषा किसी सत्ता ने नहीं बनाया है, बल्कि भारतीय भाषाओं और बोलियों के बीच संपर्क भाषा के रूपमें जनता ने इसे चुना है। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं और चर्चित साहित्यकार एवं ब्लॉगर कृष्ण कुमार यादव ने ये उद्गार पोस्टमास्टर जनरल लखनऊ मुख्यालय कार्यालय में हिंदी पखवाड़ा के समापन एवं सम्मान समारोह में व्यक्त किए। डाक निदेशक ने कहा कि हिंदी सदैव से ही गतिशील एवं ग्रहणशील भाषा रही है, इसीलिए भारत के संविधान में हिंदी को देश की सामासिक संस्कृति की अभिव्यक्ति का माध्यम बनाने की परिकल्पना की गई है और हिंदी को आधुनिक भाषा के रूपमें पूरी तरह समर्थ बनाना हम सबका युगीन दायित्व है।
निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि हिंदी में विश्व भाषा बनने की क्षमता है, हिंदी आज सिर्फ साहित्य और बोलचाल की ही भाषा नहीं, बल्कि विज्ञान प्रौद्योगिकी से लेकर संचार क्रांति और सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर व्यापार की भाषा भी बनने की ओर अग्रसर है। केके यादव ने कहा कि डिजिटल क्रांति के इस युग में वेबसाइट्स, ब्लॉग, फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया माध्यमों ने तो हिंदी का दायरा और भी बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वभर में हिंदी बोलने वाले 50 करोड़ तो इसे समझने वालों की संख्या 80 करोड़ है, विश्व के लगभग 150 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है, जोकि हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारे रोजमर्रा की भाषा है और इसे सिर्फ पखवाड़ा से जोड़कर देखने की जरूरत नहीं है, जरूरत इस बात की है कि हम इसके प्रचार-प्रसार और विकास के क्रम में आयोजनों से परे अपनी दैनिक दिनचर्या से भी जोड़ें।
कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि संवेदना और अनुभूति के स्तरपर हिंदी से हमारा जो लगाव है, वह अन्य किसी भाषा में नहीं हो सकता, हिंदी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल ही इसका असली सम्मान है। सहायक निदेशक राजभाषा आरएन यादव ने कहा कि संविधान में वर्णित सभी प्रांतीय भाषाओं का पूर्ण आदर करते हुए इस विशाल बहुभाषी राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने में हिंदी की एक महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसे में हिंदी भाषा के प्रयोग पर हमें गर्व महसूस करना चाहिए। सहायक निदेशक आरके मिश्र ने कहा कि ने हिंदी पूरे देश को जोड़ने वाली भाषा है और सरकारी कामकाज में भी इसे बहुतायत में अपनाया जाना चाहिए। हिंदी पखवाड़ा में सहायक निदेशक भोला शाह, ओम प्रकाश चौहान और डाक विभाग के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
हिंदी पखवाड़े के दौरान मुख्य पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रतिभागियों को निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने नकद राशि और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। निबंध लेखन प्रतियोगिता अधिकारी वर्ग में रोहिताश्व बाजपेई, अर्चना झा, निबंध लेखन प्रतियोगिता कर्मचारी वर्ग में रामकिशोर तिवारी, सुमन देवी, अपर्णा वर्मा और अनुवाद एवं शब्द ज्ञान प्रतियोगिता में ऋषभ गुप्ता, मीनाक्षी जायसवाल, सारिका अवस्थी को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राजभाषा हिंदी में सर्वोत्तम कार्य करने वाली पुष्पलता श्रीवास्तव, जुबैर इक़बाल, मीरा गोधवानी, दीक्षा यादव और लालबहादुर यादव को भी नकद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा सहायक डॉ जेके अवस्थी ने किया।