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Monday 1 October 2018 11:35:50 AM
नई दिल्ली/ जम्मू। नेशनल पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक एवं 15 साल जम्मू-कश्मीर विधानसभा सदस्य रहे प्रोफेसर भीमसिंह ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के संयुक्त राष्ट्र में जम्मू-कश्मीर पर बयान को पूरी तरह झूंठा और नकारात्मक वक्तव्य बताकर उसपर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि भारत को स्थानीय लोगों की इच्छाओं के अनुसार कश्मीर समस्या हल करनी चाहिए। शाह महमूद कुरैशी ने इस मामले को संयुक्त राष्ट्रसंघ महासचिव एंटीनियो गुतरस के सामने संयुक्त राष्ट्रसंघ मुख्यालय न्यूयार्क में भी उठाया था। शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्रसंघ भी जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति और तथ्यों के सम्बंध में जवाब देने में नाकाम रहा है।
प्रोफेसर भीमसिंह ने कहा कि शाह महमूद कुरैशी को जम्मू-कश्मीर पर बोलने से पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का अध्ययन करना जरूरी है। पैंथर्स सुप्रीमो ने याद दिलाया कि जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरिसिंह ने ब्रिटिश संसद में कानून के मुताबिक बाकी 575 रियासतों की तरह 26 अक्टूबर 1947 को भारत संघ में जम्मू-कश्मीर के विलयपत्र पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि संयुक्त राष्ट्रसंघ पाकिस्तान से सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन कराने में नाकाम रहा है, जिसमें पाकिस्तान को निर्देश दिया गया था कि वह जम्मू-कश्मीर के सभी कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करे।
पैंथर्स सुप्रीमो ने केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्रसंघ प्रस्तावों और निर्देशों का उल्लंघन करने पर खामोश रहने का आरोप और आश्चर्य प्रकट किया है। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के अंतर्गत प्राप्त विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करने और जम्मू-कश्मीर की सभी राजनीतिक दलों की आपात बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने घोषणा की कि पैंथर्स पार्टी संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभा में इस मामले को उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ में विशेष प्रतिनिधिमंडल नियुक्त करेगी। प्रोफेसर भीमसिंह इस पहले भी संयुक्त राष्ट्रसंघ मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए काम करने वाली गैरसरकारी संगठनों के समक्ष इस मामले को कई बार उठा चुके हैं।