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Tuesday 2 October 2018 01:58:00 PM
पुणे। नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष और सह प्रबंध निदेशक डॉ तपन कुमार चंद ने कहा है कि भारत की चौथी औद्योगिक क्रांति में नई प्रौद्योगिकी का बढ़ता इस्तेमाल पूंजी निवेश को घटाएगा, इसलिए ऐसे में भारतीय उद्योगों को विश्व स्तरपर ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनना होगा, जिसकी तैयारी अभी से करनी होगी। उन्होंने कहा कि एक अरब तीस करोड़ आबादी वाले भारत जैसे घनी आबादी के देश के लिए आने वाला समय कई चुनौतियों से भरा हुआ है, खासकर जबकि देश की 64 फीसदी आबादी युवा है और उसके लिए रोज़गार की जरूरत है। डॉ तपन कुमार चंद ने यह बात उनको कार्मिक प्रबंधन और नेतृत्व क्षमता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए राष्ट्रीय कार्मिक प्रबंधन संस्थान के एनआईपीएम रत्न सम्मान से नवाजे जाने के अवसर पर कही।
डॉ तपन कुमार चंद को यह सम्मान उन्हें एनआईपीएम के पुणे में आयोजित 37वें राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदान किया गया। डॉ तपन कुमार चंद ने यह सम्मान मानव संसाधन प्रबंधन से जुड़े पेशवरों और नाल्को की टीम को समर्पित करते हुए कहा है कि हम आज चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ चुके हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि पहली औद्योगिक क्रांति में जो बदलाव देखा गया था, वह मानव बल से वाष्पइंजन की शक्ति की ओर था, जबकि दूसरी औद्योगिक क्रांति में बिजली के इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर उत्पादन की शुरुआत हुई थी, तीसरी औद्योगिक क्रांति ने सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से मानवीय प्रयासों को ऊंची उड़ान के लिए पंख दिए और चौथी औद्योगिक क्रांति में कृत्रिम मेधा, इंटरनेट और रोबोट बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
डॉ तपन कुमार चंद ने कहा कि बड़े और मध्यम श्रेणी के उद्योगों में रोज़गार के अवसर घट रहे हैं, ऐसे में मानव संसाधन प्रबंधन को सारा ध्यान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों पर केंद्रित करना होगा, इसके लिए एक ऐसा मॉडल अपनाना होगा जो हमारे इन उद्योगों को पर्यावरण के अनुकूल रखते हुए विश्वस्तर पर ज्यादा से ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाए और घरेलू स्तरपर रोज़गार के पर्याप्त अवसर भी उपलब्ध कराए। गौरतलब है कि एनआईपीएम कार्मिक प्रबंधन, औद्योगिक संबंध, श्रम कल्याण प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों की देश में सबसे बड़ी संस्था है।