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Thursday 11 October 2018 05:37:20 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष भामरे ने आज नई दिल्ली में वायुसेना मुख्यालय वायुभवन में दूसरे द्विवार्षिक वायुसेना कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन किया। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने रक्षा राज्यमंत्री का स्वागत किया और वायुसेना कमांडरों का उनसे परिचय करवाया। रक्षा राज्यमंत्री ने सम्मेलन के उद्घाटन पर वायुसेना कमांडरों को संबोधित किया और उन्होंने हिंद महासागर तटीय क्षेत्र में भारत को सुरक्षा प्रदाता के रूपमें सक्षम बनाने के लिए वायुसेना की अहम भूमिका पर बल दिया, जो प्रधानमंत्री के ‘सागर’ यानी सभी क्षेत्रों के लिए सुरक्षा एवं वृद्धि सिद्धांत के अनुरूप है। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारतीय वायुसेना भारत की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए प्रौद्योगिकीय क्षमता से लैस त्वरित कार्रवाई करने वाला सैन्यबल है।
रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना नेतृत्व कई तरह से स्वदेशीकरण को प्रोत्साहन दे रहा है, जो अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि वायुसेना स्वदेशी एलसीए कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका पता इस बात से चलता है कि वह एलसीए की 18 स्क्वाड्रन प्राप्त कर रहा है। वायुसेना भारत के स्वदेशी बायो-जेट ईंधन कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिससे भारत के कच्चे तेल के आयात बिल में निश्चित रूप से 10 प्रतिशत से अधिक की कटौती होगी तथा किसानों की आय में काफी बढ़ोतरी होगी। वायु सेनाप्रमुख ने कहा कि वायुकर्मियों के गहन प्रशिक्षण की आवश्यकता है, ताकि वायुसेना की संचालन क्षमता बेहतर हो सके।
वायु सेनाप्रमुख बीएस धनोआ ने इस बात पर बल दिया कि भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के साथ वायुसेना का संयुक्त अभ्यास होना चाहिए, ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर ताल-मेल बन सके। दो दिवसीय कमांडर सम्मेलन के दौरान प्रशिक्षण और युद्ध कौशल पर चर्चा हो रही है। इसके अलावा राफेल, तेजस, चिनूक तथा अपाची हेलीकाप्टरों सहित स्पाइडर और मध्यम दूरी की मिसाइलों को वायु सेना में शामिल करने के विषय पर भी चर्चा की जाएगी। सभी कमांडर एचएएल के वरिष्ठ अधिकारियों के दल के साथ युद्धक विमानों और विभिन्न उपकरणों के उत्पादन, उन्नयन, स्वदेशीकरण, डिजाइन तथा विकास मुद्दों पर चर्चा करेंगे।