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Thursday 11 October 2018 05:40:00 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने चमड़ा और जूता उद्योग के क्षेत्र में रोज़गार के अवसर तैयार करने के लिए एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। इस पैकेज में वर्ष 2017-20 के लिए 2600 करोड़ रुपये की लागत की मंजूरी से केंद्रीय क्षेत्र की योजना-इंडियन फुटवियर, लेदर और ऐसेसरीज डेवलपमेंट प्रोग्राम का कार्यांवयन शामिल है। योजना का लक्ष्य चमड़ा उद्योग के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास करना, चमड़ा उद्योग से जुड़ी पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान करना, अतिरिक्त निवेश को आसान बनाना, रोज़गार सृजन करना और उत्पादन बढ़ाना है। इसके कर प्रोत्साहनों में वृद्धि होने से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होंगे।
आईएफएलएडीपी के तहत तमिलनाडु में चमड़ा उद्योग पर प्रमुखता से जोर देते हुए औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग ने 117.33 करोड़ रुपये की कुल लागत से चार परियोजनाएं मंजूर की हैं, ताकि आधारभूत सुविधाओं का उन्नयन होने के साथ-साथ रोज़गार सृजन हो और पर्यावरण की स्थिति में निरंतर सुधार हो। तमिलनाडु की मंजूर की गई परियोजनाओं में त्रिची में ताला त्रिची कॉमन एफ्लूएंट ट्रिटमेंट प्लांट का उन्नयन, नागलकेनी क्रोमपेट में पल्लावरम सीईटीपी, रानीपेट में सिडको फेज़-1 सीईटीपी और इरोड़ में पेरुंदुरई लेदर इंडस्ट्रीज़ इको सिक्यूरिटी प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।
उद्योग नीति और संवर्धन विभाग ने पश्चिम बंगाल के बनतला में एक वृहद लेदर कलस्टर के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी भी दी है। इससे लगभग 7000 लोगों को रोज़गार मिलेगा और 400 से 500 करोड़ रुपये का निवेश संभव होगा। उपयोजना के अधिन 469.18 करोड़ रुपये की कुल लागत और भारत सरकार की ओर से 328.43 करोड़ रुपये की सहायता के बल पर सीईटीपी उन्नयन के लिए कुल 9 परियोजनाएं पहले ही मंजूर की गई हैं। यह परियोजनाएं कार्यान्वयन के दौर में हैं। सीईटीपी उन्नयन के लिए अतिरिक्त परियोजनाएं विभाग के विचाराधीन हैं। स्वीकृत योजना से श्रम कानून में सुधार होगा और अर्थव्यवस्था में भी योगदान बढ़ेगा।