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Thursday 18 October 2018 01:58:01 PM
नई दिल्ली। पश्चिमी नौसेना कमान के डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हिकल के शुरूआती परीक्षण सफल रहे हैं। इस सफलता से भारतीय नौसेना की ताकत बहुत बढ़ेगी। डीएसआरवी को तीन चलाक दल संचालित करता है और पाया गया कि वह निष्क्रिय पनडुब्बी से एक बार में 14 कर्मियों को बचाने में सक्षम है। डीएसआरवी 15 अक्टूबर 2018 को 300 फीट की गहराई में डूबी पनडुब्बी तक पहुंची। इसके बाद डीएसआरवी ने अपने और डूबी हुई पनडुब्बी के मुहाने खोले एवं पनडुब्बी से कर्मियों को निकालकर डीएसआरवी में लाया गया। समुद्र की गहराई में होने वाले इन परीक्षणों से यह साबित हो जाता है कि डीएसआरवी गहरे पानी में डूबी पनडुब्बियों में बचाव कार्य करने में बेहद सक्षम है।
डीएसआरवी ने परीक्षणों के दौरान 666 मीटर गहराई तक गोता लगाने में कामयाबी हासिल की। भारतीय समुद्र में किसी ‘मानवचालित वाहन’ ने इतनी गहराई तक पहुंचने का यह कारनामा भी कर दिखाया है। डीएसआरवी चालक दल ने 750 मीटर से अधिक आरओवी ऑपरेशन का भी संचालन किया। इसके अलावा 650 मीटर से अधिक की गहराई तक साइड स्कैन सोनार ऑपरेशन भी किए गए। चालू परीक्षणों में वायु यातायात प्रणाली को भी शामिल किया जाएगा, जो भारतीय वायुसेना के भारी वजन वाले यातायात हवाईजहाजों से चलाई जाती है। परीक्षणों के पूरा हो जाने के बाद भारतीय नौसेना विश्व की नौसेनाओं के उस छोटे समूह में शामिल हो जाएगी, जिनके पास समेकित पनडुब्बी बचाव क्षमता मौजूद है।