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Sunday 21 October 2018 09:35:04 PM
फतेहपुर। राजस्थानी रेस्टोरेंट कलेक्टरगंज में एक कार्यक्रम में कवि बृजेश नीरज के काव्य संग्रह ‘आँख भर आकाश’ का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम में युवा आलोचक अजीत प्रियदर्शी, इंडिया इनसाइड पत्रिका के सम्पादक अरुण सिंह, महात्मा गांधी महाविद्यालय फतेहपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर अपूर्व सेन राज, अनूप शुक्ल, आशुतोष श्रीवास्तव, युवा कवि प्रेम नंदन सहित फतेहपुर के अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। कवि बृजेश नीरज ने लोकार्पण कार्यक्रम में अपने प्रकाशित कविता संग्रह की कुछ रचनाओं का पाठ भी किया।
इंडिया इनसाइड के संपादक अरुण सिंह ने कहा कि कविता में लय का होना अत्यंत आवश्यक है और वही कविता याद भी रहती है जिसमें लय हो। उन्होंने कहा कि आज के समय में लिखी जा रही कविताओं में लय का बड़ा संकट है जो सघन अनुभूतियों के फलस्वरूप स्वतः उत्पन्न न होकर ‘कंस्ट्रक्ट’ की जा रही हैं। युवा आलोचक अजीत प्रियदर्शी का कहना था कि कविता में शब्द संगति और अर्थ संगति से ही लय उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि कविता एक स्वानुभूत प्रक्रिया है, इसे सिखाया नहीं जा सकता।
अपूर्व सेन राज ने आजकी छांदसिक कविताओं के कथ्य पर प्रश्न खड़े किए। उन्होंने कहा कि कविता केवल शिल्प नहीं है, कविता तभी महत्वपूर्ण होती है, जब सुगठित शिल्प के साथ उसका कथ्य महत्वपूर्ण हो। अनूप शुक्ल ने कहा कि कविता का समकाल से सम्बंध बहुत आवश्यक है, कविता में यदि आज का यथार्थ नहीं है तो कविता का कोई महत्व नहीं है। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन युवा कवि प्रेम नंदन ने किया। इस अवसर पर ‘इंडिया इनसाइड’ पत्रिका का सेल काउंटर भी शुरू किया गया।