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Friday 26 October 2018 04:53:06 PM
नई दिल्ली। मणिपुरी नृत्य के पुरोधा राजकुमार सिंहजित सिंह को वर्ष 2014 के टैगोर सांस्कृतिक समरसता सम्मान के लिए चुना गया है। उन्होंने शानदार शिक्षक, कलाकार और कुशल नृत्यकार के रूपमें विशेष स्थान प्राप्त किया है। राजकुमार सिंहजित सिंह ने पारंपरिक मणिपुरी शैली के नृत्य के क्षेत्र में अपनी विलक्षण रचनात्मकता प्रस्तुत की है। उनकी नृत्य कला ने थांग-ता, नट-संकीर्तन, लाइ-हराउबा और रसीला शैलियों को ऊंचाई प्रदान की है। उन्होंने मणिपुरी नृत्य की परंपरा को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और समरसता को प्रोत्साहित किया है।
राजकुमार सिंहजित सिंह अपने नृत्य से गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं। उल्लेखनीय है कि रबिंद्रनाथ टैगोर मणिपुरी नृत्य से बहुत प्रभावित थे और उन्होंने मणिपुरी नृत्य को विश्व भारती के शैक्षिक पाठ्यक्रम में भी शामिल किया था। वर्ष 2015 और 2016 के लिए टैगोर सांस्कृतिक समरसता सम्मान क्रमशः बांग्लादेश के सांस्कृतिक संगठन छायानट और भारत के महान मूर्तिकार श्रीराम वनजी सुतार को दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने यह फैसला किया है। निर्णायक मंडल में भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, एन गोपालास्वामी और डॉ विनय सहस्रबुद्धे शामिल हैं। निर्णायक मंडल ने 24 अक्टूबर 2018 को हुई विस्तृत चर्चा के दौरान एक मत से निर्णय किया था कि राजकुमार सिंहजित सिंह और श्रीराम वनजी सुतार को क्रमशः वर्ष 2014, 2015 और 2016 के लिए टैगोर सम्मान प्रदान किए जाएं।
टैगोर सांस्कृतिक समरसता वार्षिक सम्मान को भारत सरकार ने गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती के दौरान शुरू किया था। पहला टैगोर सम्मान 2012 में भारत के महान सितारवादक पंडित रविशंकर को और दूसरा सम्मान 2013 में जुबीन मेहता को प्रदान किया गया था। सम्मान में एक करोड़ रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र, पट्टिका और पारंपरिक दस्तकारी या हथकरघा से बना उत्कृष्ट उपहार प्रदान किया जाता है। यह सम्मान राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, आस्था या लिंग से इतर हर व्यक्ति के लिए है।