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Monday 29 October 2018 02:33:20 PM
नई दिल्ली। भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने आज राष्ट्रीय पुलिस स्मारक स्थल चाणक्यपुरी नई दिल्ली में पुलिस सेवा में शहीद जवानों के लिए एक विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने देश सेवा और नागरिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अपनी अनुकरणीय कर्तव्यपरायणता एवं बहादुरी का लोहा मनवाने वाले पुलिसबलों के शहीद जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आईटीबीपी की महिला कमांडो, स्की सैन्यदल, नियमित दल और पैरा सैनिकों के दस्तों ने शहीदों को मार्च पास्ट करके श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिसबल की महिला बैंड ने एक विशेष प्रस्तुति के माध्यम से शहीदों को सलामी दी। ‘अबाइड विद मी’ की धुन से श्रद्धांजलि कार्यक्रम का समापन हुआ। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आईटीबीपी के डीजी आरके पचनंदा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, केंद्रीय पुलिस संगठन, दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मी एवं अधिकारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि आईटीबीपी देश की हिमालयी सीमाओं की सुरक्षा में तैनात है और हाल ही में उसने अपनी स्थापना के 56 वर्ष पूरे किए हैं। आईटीबीपी एक भारतीय अर्धसैनिक बल है, इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1962 में भारत-तिब्बत सीमा की चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से रक्षा के लिए की गई थी। आईटीबीपी का मुख्य कार्य भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा और रखवाली करना, सीमा की जनता को सुरक्षा की भावना प्रदान करना, महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों का निर्वहन और आपदा प्रबंधन आदि करना है। आईटीबीपी के जवान और अधिकारी लंबे पर्वत क्षेत्र, शून्य से 45 डिग्री नीचे के पारे में चिलचिलाती सर्दीली जगहों, अथाह घाटियों, दुर्गम गड्ढों, अंधियारी नदियों, खतरनाक ग्लेशियरों, पथरीली ढालों और अदृश्य प्राकृतिक खतरों के बीच अपने सेवाकाल का एक बड़ा हिस्सा बिताते हैं। आईटीबीपीएफ के चिन्ह में संक्षिप्तता से इसके लोकाचार का वर्णन है यानि बहादुरी और निष्ठापूर्ण प्रतिबद्धता।