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Thursday 1 November 2018 01:16:12 PM
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना कमांडर सम्मेलन 2018 के दूसरे भाग की बैठक दिल्ली में प्रारंभ हुई, जिसमें भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडरों ने ‘संसाधन वृद्धि’ और ‘उभरती टेक्नोलॉजी’ विषय पर व्यापक चर्चा की। नौसेना कमांडरों ने कहा कि भारत एक मैरीटाइम यानी समुद्री देश है और इसका विकास समुद्र से जुड़ा हुआ है। कमांडरों ने कहा कि ‘सबके लिए सुरक्षा और विकास’ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समग्र विजन के अंतर्गत भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और शांति का वातावरण प्रदान करने में अग्रणी रही है और देश की पुरानी नौसेना के रूपमें भारतीय सेना की महत्वाकांक्षा मैत्रीपूर्ण देशों के साथ सहयोग के माध्यम से हिंद महासागर में नेट सुरक्षा प्रदाता बने रहने की है।
भारतीय नौसेना के कमांडरों ने कहा कि नौसेना की संचालन जिम्मेदारियों में भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि नौसेना ने मिशन आधारित तैनाती के दर्शन और रखरखाव से संचालन संक्रमण चक्र को अपनाया है, ताकि हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती स्थितियों के लिए नौसेना हमेशा तैयार रहे। कमांडरों के सम्मेलन में लड़ाई के लिए तैयारी और मानवशक्ति सहित संसाधनों को बढ़ाने पर चर्चा की गई, ताकि आगे के मिशन और कार्य को पूरा किया जा सके। सम्मेलन में नए विचारों को अपनाने पर भी चर्चा हुई और महत्वपूर्ण संगठनात्मक ढांचों का मूल्यांकन तथा समुद्री सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रक्रियाओं पर चर्चा की गई। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण भी नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करेंगी। सम्मेलन तीन दिन के व्यापक विचार-विमर्श के बाद कल शुक्रवार को समाप्त होगा।