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सभी धर्म शांति का संदेश देते हैं-राज्यपाल

'महिला शिक्षा में आईटी कालेज की सराहनीय भूमिका'

आईटी कालेज लखनऊ में हुआ संगोष्ठी का अायोजन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 2 November 2018 02:13:52 PM

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लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने आईटी कालेज लखनऊ में ‘ट्रांससेंडिग बाउंड्रीस फॉर पीस: मेकिंग पीस पीसफुली’ विषय पर संगोष्ठी का दीप प्रज्जवल करके उद्घाटन किया और कहा कि संगोष्ठी का शीर्षक अत्यंत सामयिक है, शांति की आवश्यकता पहले भी थी और आज भी है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के केंद्र में शांति है, गीता, बाईबिल, वेद, कुरान, गुरूग्रंथ साहिब जैसी पवित्र किताबें शांति और सद्भाव का संदेश देती हैं और भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की परिचायक है। राज्यपाल ने कहा कि जब पूरा विश्व एक पूरा परिवार हो तो वहां झगड़ा नहीं प्रेम और शांति होगी, तेरा और मेरा का भाव संकुचित विचारधारा वाले करते हैं, विशाल हृदय वालों के लिए तो पूरा विश्व एक परिवार है। उन्होंने कहा कि हम आपसी संवाद से हर समस्या का समाधान कर सकते हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने आईटी कालेज की सराहना करते हुए कहा कि आईटी कालेज देश के शिक्षण संस्थानों में 40वें स्थान पर है, महिला शिक्षा के प्रचार-प्रसार में कालेज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में महिला शिक्षा अपने आपमें महत्वपूर्ण है, महिला शिक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश में नया चित्र देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अबतक 22 विश्वविद्यालयों के दीक्षांत हो चुके हैं, जिनके माध्यम से लगभग 15 लाख 97 हजार विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई हैं, जिनमें 52 प्रतिशत उपाधियां बेटियों ने प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि समय बदला है, बेटियां आगे बढ़ रही हैं, उत्कृष्ट प्रदर्शन करके पदक प्राप्त करने में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में लड़कियों का 85 प्रतिशत, दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में 82 प्रतिशत, शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय में 81 प्रतिशत और महात्मा गांधी विद्यापीठ काशी में 81 प्रतिशत हिस्सा रहा है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा का प्रतिशत बढ़ाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को जाता है। इस अवसर पर बिशप डॉ फिलिप्स मसीह ने राज्यपाल को शॉल और स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। संगोष्ठी में डॉ फ्लोरिटा, डॉ ईएस चार्ल्स और डॉ वंदना ने भी अपने विचार रखे। संगोष्ठी में पूर्व मंत्री डॉ अम्मार रिज़वी, ग्लोबल एजुकेशन के महासचिव डॉ अमॉस नासिमेंटो, डॉ फ्लोरिटा वी मिरिंडा, विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधि और कालेज के शिक्षक एवं छात्राएं उपस्थित थीं।

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