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Saturday 3 November 2018 03:17:31 PM
हरारे/ नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू इन दिनों अफ्रीकी देशों की यात्रा पर हैं। उपराष्ट्रपति के जिम्बाब्वे पहुंचने पर वहां की राजधानी हरारे में भारतीय राजदूत आर मसाकुई के नेतृत्व में आयोजित भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह में उनका जोरदार स्वागत किया गया। उपराष्ट्रपति ने जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनंगाग्वा और उपराष्ट्रपति जनरल डॉ कोस्टैंटिनो से भी मुलाकात की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भारत की गतिशीलता और आर्थिक विकास ने देश को अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर चमकता सितारा बना दिया है। उन्होंने कहा कि भारत 8.2 प्रतिशत की विकास दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था बन चुका है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि जिम्बाब्वे में भारतीय समुदाय के लोग भले ही संख्या में कम हों, लेकिन वे अपनी उद्यमिता के बल पर विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग जिम्बाब्वे और भारत के बीच जीवंत सेतु की तरह हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि कठिन परिश्रम करने, शांतिप्रिय होने और लोगों के साथ आसानी से मेलजोल करने की मूल प्रवृति के कारण ही भारतीय समुदाय जिम्बाब्वे में फल फूल रहा है और खुद के साथ अपने देश के लिए भी सम्मान अर्जित किया है। भारत-जिम्बाब्वे के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने समृद्ध, सांस्कृतिक विरासत पाई है, जो समय के साथ और जीवंत होती गई है।
वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत आज तेजी से बदल रहा है, यहां कारोबार का माहौल बेहतर हो रहा है, पुराने पड़ चुके नियमों को खत्म किया जा रहा है और निर्बाध प्रक्रियाएं शुरू की जा रही हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं शताब्दी को एशिया और अफ्रीका की सदी बताया जा रहा है, जिसमें भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने जिम्बाब्वेवासियों और जिम्बाब्वे में रह रहे भारतीय समुदाय से कहा कि वे भारत की भूमिका के इस प्रभाव को महसूस करें और विकास एवं समृद्धि की इस यात्रा में हमारे साथ आएं। उन्होंने कहा कि उनकी अफ्रीकी देशों की यात्रा इस बात को रेखांकित करती है कि भारत सरकार अफ्रीकी देशों को वरीयता प्रदान करती है, जो भारत के स्थिर तथा नियमित संपर्क बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है। उपराष्ट्रपति के साथ एक उच्चस्तरीय संसदीय शिष्टमंडल भी गया है, जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और चार संसद सदस्य शामिल हैं।