स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 10 November 2018 03:20:52 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय के अंतर्गत सीमा प्रबंधन प्रभाग की परियोजनाओं की समीक्षा की। गृहमंत्री को जानकारी दी गई कि इन परियोजनाओं में काफी अच्छी प्रगति हुई है और सात स्वीकृत परियोजनाओं में से पांच सीमा क्रासिंग प्वाइंट पर एकीकृत सीमा चौकियां पूरी कर ली गई हैं। समीक्षा बैठक में उन्हें बताया गया कि भारत-नेपाल सीमा पर आईसीपी रक्सौल तथा आईसीपी जोगबनी, भारत-बांग्लादेश सीमा पर आईसीपी पेट्रापोल तथा आईसीपी अगरतला और भारत-पाकिस्तान सीमा पर आईसीपी अटारी पर सामानों एवं लोगों की आवाजाही के लिए टर्मिनल चालू कर दिए गए हैं और प्रत्येक एकीकृत चौकी पर कस्टम मंजूरी, अप्रवासन, भंडारण, संपर्क, सड़क तथा टर्मिनल भवन के साथ सामानों के आयात निर्यात तथा लोगों की आवाजाही के काम सुगमता के लिए पर्याप्त सुविधाएं दी गई हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी गई कि भारत-म्यांमार सीमा पर एकीकृत मोरेह चौकी और भारत-बांग्लादेश सीमा पर आईसीपी डाउकी का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा तथा सात आईसीपी पर 700 करोड़ रुपए से अधिक के खर्च को स्वीकृति दी गई है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने परियोजनाओं की कार्यप्रगति पर संतोष व्यक्त किया और अधिकारियों को लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने हिलि, जयगांव, घोजादंगा, महादीपुर, चनग्रबंधा, फूलबाड़ी, रुपाईदीहा, कोर्पीचुवाह, पानीटंकी, सुतरकंडी, सुनौली, बनबासा तथा भीठामोर में अतिरिक्त 13 आईसीपी तथा पेट्रोपोल में यात्री टर्मिनल के निर्माण के बारे में भी अधिकारियों को निर्देशित किया। गृहमंत्री ने गुजरात के ओखा में नेशनल एकेडमी ऑफ कोस्टल पुलिसिंग की स्थापना पर खुशी जाहिर की।
समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि सीमा प्रबंधन प्रभाग के अंतर्गत गुजरात में 18 तटीय बीओपी के निर्माण तथा पंजाब और राजस्थान में सीमा पर प्रकाश व्यवस्था में सुधार के लिए परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। गुजरात और पश्चिम बंगाल में कुछ अस्थायी बीओपी की मंजूरी दी गई है। बैठक में बताया गया कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा और बिहार की सरकारों को पत्र लिखे जाने के बाद भूमि अधिग्रहण मामले के कारण लंबित परियोजनाओं को फिर से शुरु किया गया है। सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सीमावर्ती गांव में बेहतर सड़क, मोबाइल संपर्क प्रदान करने और वहां के लोगों को कौशल सम्पन्न बनाने के कार्य में भी प्रगति हुई है। तटीय सुरक्षा में सुधार के लिए 121 तटीय थाने प्रारंभ किए गए हैं, 30 जेटी बनाए गए हैं और 18.5 लाख मछुवारों को बायोमेट्रिक कार्ड जारी किए गए हैं।