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Saturday 10 November 2018 05:19:26 PM
नासिक। भारतीय सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एम 777 ए 2 अल्ट्रालाइट होवित्जर तथा के-9 वज्र तोप और 6 X 6 फील्ड काम्पैक्ट गन ट्रैक्टर राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर नासिक के देवलाली में फील्ड फायरिंग रेंज में विशेष समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें रक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष राव भामरे, थलसेना प्रमुख बिपिन रावत, भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा उपकरण उद्योग के प्रतिनिधि तथा अमरीका और दक्षिण कोरिया सरकार के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
भारत-अमरीका के बीच हुए रक्षा खरीद समझौते के तहत 155 एमएम वाली अत्याधिक हल्की हॉविजर तोपें प्राप्त की गई हैं। इन्हें बीएई प्रणाली के तहत महिंद्रा डिफेंस कंपनी के सहयोग से देश में एसेम्बल किया जाएगा। इन तोपों की सबसे बड़ी खासियत इनका बेहद हल्का होना है, जिससे इन्हें किसी भी तरह की भौगोलिक स्थितियों में आसानी से इधर-उधर ले जाया जा सकता है। दक्षिण कोरिया की हनवाटेक्विन कंपनी से 155 एमएम/ 52 कैलिबर की 10 के-9 वज्र तोपों की पहली खेप अर्ध विकसित स्थिति में आयात की गई हैं। इन्हें देश में एल एंड टी कंपनी के सहयोग से विकसित किया जाएगा, बाकी 90 तोपें दक्षिण कोरिया के तकनीकी सहयोग से देश में ही बनाई जाएंगी।
भारतीय तोपखाने में इनके शामिल होने से सेना की मारक क्षमता में इजाफा होगा। इन तोपों के साथ ही स्वदेशी तकनीक से विकसित 6 X 6 फील्ड कैम्पैक्ट गन ट्रैक्टर को भी तोपखाने में विधिवत शामिल किया गया। ये ट्रैक्टर अशोका लिलैंड कंपनी ने बनाए हैं। ये ट्रैक्टर समय के साथ पुराने पड़ चुके आर्टिलरी गन टोइंग व्हिकल का स्थान लेंगे। इन उपकरणों को तोपखाने में शामिल किए जाने पर सेना की विभिन्न तोपों और अन्य युद्धक प्रणालियों ने अपनी मारक क्षमता का भव्य प्रदर्शन किया।