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Friday 23 November 2018 12:37:41 PM
देहरादून। उत्तराखंड में स्थानीय निकाय चुनाव में देहरादून नगर निगम के चुनाव में बकरालवाला वार्ड संख्या 16 से निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी तृप्ति उनियाल थापा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस प्रत्याशी डॉ बिजेंद्र पाल सिंह और उनके पुत्र एवं सहयोगियों ने निकाय चुनाव नतीजे की देर शाम उसके घर परिवार पर हमला बोला, जिसमें उसके पुत्र और पति को घर में और घर से बाहर खींचकर बुरीतरह से मारापीटा गया। तृप्ति थापा का कहना है कि हमलावर उसके घर को आग लगाने की धमकी देकर चले गए और उल्टे उसके खिलाफ पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज कराई है। उसका कहना है कि पुलिस कोई मदद नहीं कर रही है, जिससे उसके परिवार को जानमाल का खतरा है। प्रयास करने पर भी इस घटनाक्रम पर पुलिस अथवा आरोपित का पक्ष प्राप्त नहीं हो सका है।
उत्तराखंड में 18 नवंबर को हुए स्थानीय निकाय चुनाव में देहरादून नगर निगम के चुनाव में तृप्ति थापा भी निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी के रूपमें वार्ड संख्या 16 बकरालवाला से चुनाव मैदान में थी। डॉ बिजेंद्र पाल सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी थे। आरोप लगा है कि बकरालवाला वार्ड में डॉ बिजेंद्र पाल सिंह और उनके सहयोगियों ने बड़ी संख्या में फर्जी मतदान किया कराया है, जिसकी जानकारी पीठासीन आधिकारियों और संबंधित कर्मचारियों को थी, परंतु फर्जी मतदान चलता रहा। तृप्ति थापा का आरोप है कि कई दिन से डॉ बिजेंद्र पाल सिंह का पुत्र, भानजा और उनके सहयोगी उसके साथ अभद्र हरकतें कर रहे थे, ताकि वह चुनाव से हट जाए। तृप्ति थापा का कहना है कि 20 नवंबर को मतगणना के नतीजे में डॉ बिजेंद्र पाल सिंह विजयी घोषित किए गए, उसी समय से डॉ बिजेंद्र पाल और उनके सहयोगियों ने उसके परिवार को प्रताड़ित कर रखा है।
तृप्ति थापा का कहना है चुनाव नतीजे की सांय लगभग 7:30 बजे ये सभी नशे में धुत होकर उसके घर में अचानक घुस आए और बम पटाखे फोड़ने लगे, गंदी गालियां एवं अभद्र कमेंट करने लगे। तृप्ति थापा का कहना है उसके 16 वर्षीय बेटे के विरोध करने पर डॉ बिजेंद्र पाल सिंह के लोगों ने उसके बेटे को घसीटकर घर के बाहर खींचकर जमीन पर गिराकर बुरीतरह से मारापीटा और जब उन्हें मेरे पति ने बचाव का प्रयास किया तो उन्होंने उनको भी मारा पीटा। तृप्ति थापा का कहना है कि इस घटना के बाद से उसका परिवार गहरे सदमें में है और यह आशंका है कि ये हमलावर अपने कहे अनुसार कभी भी उसके घर में आग लगा देंगे। तृप्ति थापा का कहना है कि उसे पहले से ही आभास था कि ये लोग इस तरह की अराजकता को अंजाम दे सकते हैं।
तृप्ति थापा कह रही है कि उसने 16 नवंबर 2018 को एसएसपी देहरादून को इस हमले की आशंका का एक पत्र दे दिया था, साथ ही धारा चौकी इंचार्ज को घटना के पश्चात लिखकर रिर्पोट दी गई, राजपुर रोड मौहल्ले के लोगों ने भी इस वारदात की पुलिस के 100 नंबर पर सूचना दी थी, लेकिन पुलिस देर रात तक भी घटनास्थल पर नहीं पहुंची और जब पुलिस आई तो डॉ बिजेन्द्र पाल सिंह एवं उसके सहयोगी पुलिस के साथ थे और पता चला कि उन्होंने उल्टे हमारे ही खिलाफ रिर्पोट दर्ज करा दी है, जबकि बहुत देर से मौके पर पुलिस ने उससे समस्या लिखकर देने के लिए कहा। तृप्ति थापा ने मांग की है कि पुलिस उसके और उसके परिवार के साथ हुए दुर्व्यवहार मारपीट एवं मानसिक प्रताड़ना के लिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि उत्तराखंड में और स्थानों से भी इस प्रकार की खबरें आ रही हैं, जिनमें चुनावी रंजिश शुरू हो गई है।