स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 26 November 2018 09:25:15 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने पर एटीएस के गोमतीनगर लखनऊ कार्यालय पर एटीएस का स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुंबई हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देकर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार थे। पुलिस महानिरीक्षक एटीएस ने ग्यारह वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उत्तर प्रदेश में 23 नवंबर 2007 को जनपद लखनऊ, फैजाबाद तथा बनारस कचहरी परिसरों में इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकवादी संगठन के सीरियल बम ब्लास्ट की घटना के बाद 26 नवंबर 2007 को आतंकवाद निरोधक दस्ते एटीएस का गठन किया गया था, तबसे आज तक यूपी एटीएस ने कई चुनौतियों का सामना किया है और अपनी क्षमताओं को वर्तमान आवश्यकता के अनुसार अध्यावधि किया।
गौरतलब है कि आतंकवादी घटनाओं से निपटने के लिए एक ऐसे बल की आवश्यकता महसूस की गई थी, जो आतंकवाद से निपटने में सक्षम हो। आतंकवाद से निपटने के उद्देश्य से ही एक कुशल एवं पारांगत बल के रूपमें उत्तर प्रदेश एटीएस ने जो विशेषज्ञता का विकास किया है, उसका परिणाम आज दिखाई दे रहा है और आने वाले समय में एटीएस अपनी तकनीकी विशेषज्ञता को और आगे बढ़ा रहा है। एटीएस के गठन के पश्चात कचहरी बम ब्लास्ट जैसी आतंकवादी घटनाओं का सफल अनावरण करते हुए अभियुक्तों को सजा दिलवाई गई, इसके पश्चात एटीएस ने लगातार आतंकवादी और नक्सलवादी संगठनों के मनसूबों को नाकाम करते हुए कई आतंकवादी मुठभेड़ के दौरान मार गिराए, जिसमें वर्ष 2008 में नोएडा में लश्कर-ए-तैयबा के मोहम्मद फारूख और मोहम्मद इस्माइल पाकिस्तानी तथा वर्ष 2017 में जनपद लखनऊ में सैफुल्ला कानपुर माड्यूल महत्वपूर्ण परिणाम हैं।
एटीएस यूपी ने अबतक विभिन्न आतंकवादी संगठनों के 27 आतंकवादी, आईएसआई के 29 जासूस और 7 नक्सली गिरफ्तार किए हैं। आतंकवादियों की आधुनिक क्रियाविधि एवं घटनाओं के दृष्टिगत एटीएस के अंतर्गत एक ऐसी विशेषज्ञ इकाई का गठन किया गया है, जो आकस्मिकता की स्थिति में किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में सक्षम है। स्पॉट का सृजन विशेषकर संभावित खतरों को ध्यान में रखकर किया गया है जैसे-हाई रिस्क ऑपरेशन, अर्बन वॉरफेयर और काउंटर टेरर ऑपरेशन। वर्तमान समय में स्पॉट की तीन टीमें प्रशिक्षणोंपरांत अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं, जिसमें 11 महिला कमांडो हैं, जो किसी भी आतंकवादी घटना से निपटने में सक्षम हैं। इंटरनेट की असीमित पहुंच और उसके नकारात्मक परिणाम को रोकने के उद्देश्य से एटीएस के अधीन एक ऐसी व्यवस्था का सृजन हुआ है, जिसके माध्यम से न केवल एटीएस अपितु उत्तर प्रदेश पुलिस की किसी भी इकाई को साइबर सुरक्षा और विश्लेषण से सम्बंधित प्रशिक्षण देकर ऐसी चुनौतियों से लड़ने में सक्षम बनाया जा सके।
सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से किसी भी विचार एवं संगठन की विचारधारा एवं मंतव्यों को तेजी से प्रचारित एवं प्रसारित किया जा सकता है, जिसके कभी दुष्परिणाम भी सामने आते हैं, ऐसे दुष्परिणामों से बचने एवं उनपर प्रभावी कार्रवाई के उद्देश्य से एटीएस मुख्यालय में सोशल मीडिया लैब की स्थापना की गई, जिसके अंतर्गत सोशल मीडिया पर चल रही परिचर्चा का विश्लेषण सकारात्मक एवं नकारात्मक में करके ऐसे तत्वों को चिन्हित किया जाता है और समय रहते उन्हें रोका जाता है। कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक यातायात दीपक रतन, पुलिस अधीक्षक सुरक्षा राजेश पांडेय, एटीएस के अधिकारी और स्पॉट टीम मौजूद थी।