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Tuesday 11 December 2018 05:08:25 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने दिल्ली में 67वीं अखिल भारतीय पुलिस एथेलेटिक्स प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए कहा है कि पुलिस बल लंबे समय तक तनावभरी परिस्थितियों में तैनात रहते हैं, ऐसी परिस्थितियों में खेलकूद उनकी कार्यक्षमता और मनोबल बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है, आप जिन विषम परिस्थितियों में लंबे समय तक कार्य करते हैं, उसके लिए स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मानस अपरिहार्य आवश्यकताएं हैं, नियमित व्यायाम, पोषक खानपान, खेलकूद विशेषकर टीम आधारित खेल आपकी कार्य क्षमताओं को बढ़ाते हैं, जीवन और कार्य के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक होते हैं, इसी शृंखला में सुरक्षाबलों को भी योग और ध्यान की ओर खासतौर से आकर्षित किया जाए। उन्होंने सुरक्षाबलों में खेल संस्कृति तथा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की सराहना की। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि अखिल भारतीय पुलिस खेल नियंत्रण बोर्ड ने सुरक्षाबलों में खेल संस्कृति को जीवित रखा है तथा खेलों को संचालित और प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी निभा रहा है एवं उदीयमान खिलाड़ियों को सुरक्षाबल में सेवा करने का अवसर भी दिया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस अवसर पर हरियाणा जैसे प्रदेश पुलिस बल के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पुलिस सेवा में अवसर दिए जाने की सराहना की। कश्मीर और पूर्वोत्तर में किए गए सफल प्रयोगों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि खेलकूद से स्थानीय समुदायों और युवाओं के बीच सुरक्षाबलों की भूमिका की स्वीकार्यता बढ़ी है तथा परस्पर विश्वास विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसे सफल प्रयोगों से स्थानीय खेल प्रतिभाओं को खोजने में भी सहायता मिलती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुरक्षाबलों के खिलाड़ियों को प्रशिक्षक के रूपमें प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। पुलिसकर्मियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनका अनुशासन, कौशल, कार्यक्षमता, नेतृत्व क्षमता और टीमवर्क की भावना उन्हें किसी भी संगठन या समुदाय का महत्वपूर्ण अपरिहार्य सदस्य बनाती है और समुदाय उनसे नेतृत्व की अपेक्षा रखता है। गौरतलब है कि आईबी निदेशक की अध्यक्षता में ऑल इंडिया पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड पुलिसबलों में खेलकूद को प्रोत्साहित करता है। केंद्रीय सुरक्षा बल क्रमशः अखिल भारतीय एथेलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं, इस वर्ष प्रतियोगिता का आयोजन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने किया है, जिनमें केंद्रीय और राज्य सुरक्षाबलों के लगभग 1100 प्रतियोगी भाग ले रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए ओलंपिक के आदर्श वाक्य तेज़, ऊंचा और बलवान का उल्लेख किया और कहा कि उनकी स्पर्धा सिर्फ साथी प्रतिभागियों से ही नहीं, बल्कि स्वयं अपने आपसे है कि आप अपनी क्षमताओं को किस सीमा तक बढ़ा सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि इन खेलों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी मिलेंगे। वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में पुलिस खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों, ओलम्पिक खेलों जैसी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में एक अलग पहचान बनाई है एवं देश में ट्रैक और फील्ड खेलों के स्तर को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि डेकथलन में पद्मश्री गुरवचन सिंह रंधावा, 10,000 मीटर की दौड़ में हरीचंद, हैमर थ्रो में रघुवीर सिंह बल और प्रवीण कुमार, परमजीत सिंह, पोलवाल्ट में विजय पाल सिंह जैसे अनेक पुरुष एवं महिला पुलिस खिलाड़ियों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन से अपने देश और संगठन का नाम रोशन किया है।