स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 14 December 2018 05:03:43 PM
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील समाजसेवी एवं लेखक प्रदीप कुमार सिंह के लिए तो जज्बा और समाज के सामने अनुकरणीय उदाहरण बन गई है। पिछले वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की थी कि शुभकामनाएं देते समय गुलदस्ते की जगह पुस्तक भेंट किया करें, प्रदीप कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री की इस अपील को ऐसा आत्मसात किया कि आज वह पांच साल के बच्चे से लेकर 90 वर्ष के बुजुर्ग तक को बड़े ही सम्मानपूर्वक पुस्तकें भेंट करते हैं। प्रदीप कुमार सिंह लोगों को ज्ञानवर्धक पुस्तकें बांटकर ज्ञान और सद्भावना का जो प्रेरककार्य कर रहे हैं, वह दूसरों को भी जागरुक और जिम्मेदार बना रहा है।
प्रदीप कुमार सिंह अनेक प्रसिद्ध लेखकों की ज्ञानवर्धक पुस्तकें सप्रेम भेंट कर चुके हैं। वह राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं, प्रोफेसरों, डाक्टरों, कुलपतियों सहित समाज के हर तबके को पुस्तक भेंट करते हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर भारत सरकार के गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी पुस्तक प्रदान की है। प्रदीप कुमार सिंह को कभी लोगों के समूह, कभी समारोहों में, कभी घर पर तो कभी सड़क पर पुस्तकें प्रदान करते देखा जा सकता है। प्रदीप कुमार सिंह कहते हैं कि गीता में भी कहा गया है कि ज्ञानार्थ ऋते न मुक्ति अर्थात ज्ञान के बिना मुक्ति संभव नहीं है और पुस्तकों में ज्ञान सर्वत्र सहजता से उपलब्ध हो जाता है।
प्रदीप कुमार सिंह ने अब तक हजारों की संख्या में किताबें अपने खर्चें पर बांटी हैं। वह किताबों की महत्ता को प्रचारित करते हैं और लोगों को जागरुक करने के लिए मीडिया का भी भरपूर सहयोग लेते हैं। उन्होंने लोगों को पुस्तक प्रदान करने वालों फोटो भी बहुत सहेज कर रखें हैं और फोटो का एक संग्रह प्रधानमंत्री मोदी को भी भेज चुके हैं। उनकी तमन्ना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी व्यक्तिगत रूप से मिलकर पुस्तक भेंट करें। प्रदीप कुमार सिंह कहते हैं कि उन्हें इससे बड़ी ही आत्मसंतुष्टि मिलती है और जब तक उनका जीवन है, दूसरों को उपहार स्वरूप पुस्तक देने का उनका क्रम जारी रहेगा। वे कहते हैं कि ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत ही पुस्तकें हैं, इसलिए उपहार में देने के लिए सर्वश्रेष्ठ और कीमती वस्तु पुस्तक है। प्रदीप कुमार सिंह के इस कार्य की लोग बड़ी सराहना करते हैं।