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Saturday 29 December 2018 05:52:30 PM
बेंगलुरु। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने बेंगलुरु के येलाहंका में वायुसेना स्टेशन पर होने वाले एयरो इंडिया-2019 के लिए ‘ड्रोन ओलंपिक्स’ हेतु एक नवीन वेब पेज का शुभारंभ किया। यह वेब पेज एयरो इंडिया के इस प्रथम कार्यक्रम में शामिल होने के इच्छुक यूएवी खिलाड़ियों के पंजीकरण के लिए खुला है। यह प्रतिस्पर्धा न केवल देश में यूएवी विनिर्माण अर्थात मानवरहित हवाई वाहन को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि सशस्त्र बलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर उपलब्ध क्षमताओं का आकलन करने का अवसर भी प्रदान करेगी। यूएवी बाज़ार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। एयरो इंडिया के वेब पेज का लिंक https://aeroindia.gov.in/Drone है।
रक्षाक्षेत्र में यूएवी की भूमिका इसकी विशेष नई क्षमताओं के कारण बढ़ी है, जो इन्हें खुफिया, निगरानी, टोही, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और हमले जैसे अभियानों के लिए उपयुक्त बनाती है। मानवरहित हवाई वाहन युद्ध पद्धति में महत्वपूर्ण घातक एवं गैर घाती प्रवर्धक बल हैं। ये विशिष्ट सिविलियन भूमिकाओं में मानवयुक्त वायुयानों की अपेक्षा किफायती विकल्प हैं और वैमानिकीय अनुसंधान के लिए कीमती परीक्षण आधार का काम करते हैं। यूएवी की महत्वपूर्ण सैन्य एवं नागरिक उपयोगिताएं हैं, इसमें हवाई सर्वेक्षण एवं निगरानी, शस्त्र डेलीवरी मंच, क्रूज मिसाइल्स, सीमा अनुवीक्षण, कानून प्रवर्तन, गैर तस्कर और गैर उग्रवादी संक्रियाएं, मौसम अनुसंधान, संप्रेषण, आपदा प्रबंधन, प्रदूषण अनवक्षिण आदि शामिल हैं।
ड्रोन ओलंपिक्स में भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं। प्रतियोगिता की तीन श्रेणियों के अंतर्गत निगरानी चुनौती के साथ चार उप श्रेणियां हैं, जो यूएवी की निगरानी क्षमता को निर्धारित करेंगी। विभिन्न आकारों के यूएवी समूहों में आपूर्ति की चुनौती से लेकर वजन ले जाने की क्षमता के साथ-साथ निर्माण उड़ान चुनौती का प्रदर्शन भी शामिल है। प्रत्येक प्रतिस्पर्धा में प्रमुख तीन विजेताओं को पदक के साथ 38 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 26 जनवरी 2019 है।