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वीएन विद्यांत अनुकरणीय-ब्रजेश पाठक

विद्यांत हिंदू कॉलेज का संस्थापक दिवस समारोह

विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 5 January 2019 05:34:55 PM

founder's day celebration of vidyayaant hindu college

लखनऊ। विद्यांत हिंदू कॉलेज में परम्परागत रूपसे संस्थापक दिवस समारोह हुआ, जिसका उत्तर प्रदेश सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक और महिला एवं बाल कल्याण विभाग की स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने द्वीप प्रज्जवलित करके शुभारंभ किया। ब्रजेश पाठक ने इस अवसर पर कहा कि त्याग और समपर्ण की प्रतिमूर्ति के रूपमें स्थापित हुए विक्टर नारायण विद्यांत शिक्षा के प्रसार का एक अनूठा उदाहरण हैं, वे अनुकरणीय हैं, जिन्होंने पूरी सम्पत्ति समाज की शिक्षा के हित मे दान कर दी, अपनी विदेशी कार भी एक मठ को सौंप दी, उनके इस कृतित्व से छात्रों को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और नकलविहीन परीक्षा की दिशा में कारगर कदम उठाए हैं।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि शिक्षा और शिक्षक के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य समाज को सही दिशा निर्देश देना है और शिक्षक समाज को रोशनी प्रदान करने वाला वो सूर्य है, जो अपनी किरणों से अज्ञान रूपी अंधकार को नष्ट करते हुए ज्ञान रूपी प्रकाश फैलाता है। उन्होंने कहा कि हम शिक्षक शिक्षा का समग्र दृष्टि से अवलोकन करेंगे तो पाएंगे कि यह वह सेतु है, जो हमको समाज से जोड़ता है, समाज के विभिन्न क्रियाकलापों से हमारा संबंध स्थापित करता है। महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने भी समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा के अभाव में हमारी शिक्षा का महत्व अधूरा है, वर्तमान समय में विद्यार्थी की अपनी संस्कृति के नैतिक मूल्यों के प्रति जवाबदेही और भी बढ़ जाती है, इसका ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा वही है, जो अच्छे संस्कार और सकारात्मक विचार दे, सरकार शिक्षा के माध्यम से नैतिकता को बढ़ावा देना चाहती है।
स्वाति सिंह ने कहा कि विक्टर नारायण का जीवन वैभव से पूर्ण था, विदेशी वाहन, चांदी के बर्तन, सेवक, हवेली आदि सभी सुविधाएं थीं, लेकिन एक समय ऐसा आया कि उन्होंने अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति विद्यांत और अनेक विद्यालयों में लगा दी। लखनऊ विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक प्राध्यापक के लिए अपने अंदर विशेष गुणों को विकसित करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अपनी कार्यशैली निर्धारित करते हुए विद्यार्थियों से संवाद रहना कायम चाहिए। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर माहरूख मिर्जा ने कहा कि शिक्षा के स्रोत हमारे देश की जरूरतों, संस्कृति और प्रकृति के अनुरूप होने चाहिएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ सरकार का विषय नहीं है, सरकार का दायित्व नीति बनाने और संसाधन जुटाने तक है बाकी इसकी जिम्मेदारी समाज पर भी है।
विद्यांत कालेज के प्रबंधक शिवाशीष घोष ने बताया कि महाविद्यालय में ढांचागत सुविधाओं का विस्तार किया गया है, विवेकानंद सभागार के बाद छह बड़े क्लासरूम का निर्माण पूरा हो चुका है। प्राचार्या प्रोफेसर धर्म कौर ने बताया कि महाविद्यालय में अनुशासन, पठनपाठन, स्पोर्ट, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर विशेष ध्यान दिया जाता है, समय-समय पर संगोष्ठी, परिचर्चा कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यांत कॉलेज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर है। इस अवसर पर महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका का लोकार्पण हुआ, जिसका सम्पादन डॉ बृजेश कुमार और डॉ राम शंकर ने किया है। समारोह में होनहार विद्यार्थियों को विद्यांत गोल्ड मेडल और सांस्कृतिक प्रस्तुति मुख्य आकर्षण थे। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों में सार्थक गुप्ता को डॉ डीएन बोस स्वर्ण पदक, इंदरप्रीत सिंह को रामदुलारी अग्रवाल स्वर्ण पदक, ऋचा अग्रवाल को सरोजिनी श्रीवास्तव स्वर्ण पदक, कैलाशनाथ श्रीवास्तव स्वर्ण पदक, विद्यांत स्वर्ण पदक, कृतिका भटनागर को प्रोफेसर केसी सरकार स्वर्ण पदक, पूजा कश्यप और आदित्य कुमार यादव को भारत सिंह भटनागर स्वर्ण पदक, निशा मिश्रा और गौरव सिंह को विद्यांत स्वर्ण पदक, प्रिंस मौर्य को शक्ति ज्योत्सना स्वर्ण पदक, वैभव दीक्षित को डीएन बोस स्वर्ण पदक, ऊषा देवी और शुभम शर्मा को विद्यांत स्वर्ण पदक मिला। समारोह के संयोजक डॉ राजीव शुक्ला थे। संचालन डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने किया।

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