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विज्ञान जेंडर तटस्थ है-केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी

जालंधर के लवली प्रोफेशनल विवि में महिला विज्ञान कांग्रेस

विज्ञान प्रौद्योगिकी व समाज में महिला योगदान पर चर्चा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 7 January 2019 02:11:31 PM

smriti irani addressing at the inauguration of the women science congress

जालंधर। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने जालंधर के लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय में भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2019 के एक हिस्से के रूपमें महिला विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करना है। स्मृति इरानी ने कहा कि विज्ञान जेंडर तटस्थ है। उन्होंने उल्लेख किया कि देशभर के अनुसंधान और विकास संस्थानों में कार्यरत लगभग 2.8 लाख वैज्ञानिकों, इंजीनियरों में केवल 39,000 महिलाएं हैं, जो महिला वैज्ञानिक समुदाय को देश में सबसे विशाल अल्पसंख्यक बनाता है। स्मृति इरानी ने कहा कि आंकड़ों से प्रदर्शित होता है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित क्षेत्र में 81 प्रतिशत महिलाएं हैं, प्रदर्शन मूल्यांकन में एक जेंडर पूर्वाग्रह है। उन्होंने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि हमारे देश में, हमारे समुदाय में कितनी महिलाएं पेटेंट फाइल करती हैं और हमारे समुदाय एवं हमारे शिक्षण संस्थानों में कितनी महिलाओं को सिखाया जाता है कि वे किस प्रकार अपने नवाचारों एवं आविष्कारों का व्यवसायीकरण करें। महिला विज्ञान कांग्रेस की विषयवस्तु फ्यूचर इंडिया: साइंस एंड टेक्नोलॉजी थी।
कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने कहा कि जेंडर समानता केवल महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है, यह समाज के पुरुषों के लिए भी है कि वे यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए अनिवार्य है कि हम लड़कियों के बीच भी विज्ञान की खातिर विज्ञान से प्रेम करने, सपने देखने, इच्छा करने, सवाल करने, अन्वेषण करने की भावना पैदा करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि यह जानना निराशाजनक है कि केवल 65 प्रतिशत भारतीय महिलाएं बुनियादी शिक्षा प्राप्त करती हैं, लेकिन अब वैश्विक जेंडर अंतर पर विश्व आर्थिक मंच ने रिपोर्ट किया है कि भारत ने पहलीबार अपनी तृतीयक शिक्षा जेंडर अंतर को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि योग्य महिलाएं शिक्षा प्रणाली से निकलकर बाहर आ रही हैं और यह उद्योगों का कर्तव्य है कि वे उन्हें नियुक्त करें, उन्हें बनाए रखें एवं उन्हें पदोन्नति दें। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब नीति निर्माण और राजनीतिक नेतृत्व में सक्रिय रूपसे भाग ले रही हैं, समर्पित नेतृत्व के साथ वे नीतियों नवाचारों और खोजों का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं, जिससे समाज लाभांवित हो रहा है।
स्मृति इरानी ने महिला विज्ञान कांग्रेस पर एक स्मारिका पुस्तक का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मामले में वैज्ञानिक समुदाय की सबसे बड़ी चुनौती भाषा की चुनौती है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी अभी भी विज्ञान की भाषा है। उन्होंने जनगणना 2011 के एक तथ्य की ओर इंगित किया कि हमारे देश की 96.7 प्रतिशत आबादी 22 अनुसूचित भाषाओं को अपनी पहली भाषा या अपनी मातृभाषा के रूपमें अपनाती है, कुछ सर्वश्रेष्ठ विज्ञान पत्रिकाओं, नए वैज्ञानिक अध्ययनों का अनुवाद न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए, बल्कि स्कूलों के छात्रों के लिए भी आवश्यक हैं, ताकि विज्ञान के लिए प्रेम बहुत आरम्भिक चरण में ही सन्निहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से जेंडर समानता के लिए कैसे विज्ञान की सहायता ली जा सकती है, अगर हम ऐसा कर सकते हैं तो यह एक बड़ा कदम होगा। दो दिवसीय महिला विज्ञान कांग्रेस के दौरान सरकार, शिक्षा क्षेत्र और उद्योग जगत की प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक, महिला नेता और निर्णय निर्माताओं ने भी व्याख्यान दिया और पैनल चर्चा में भाग लिया।

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