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Monday 7 January 2019 04:42:04 PM
चंडीगढ़। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील कुमार अरोड़ा ने कहा है कि विश्व में परिवर्तनशील प्रौद्योगिक के अनुरूप बनने के लिए किसी भी संस्थान में सभी दृष्टि से निरंतन उन्नयन आवश्यक है। सुनील कुमार अरोड़ा ने यह बात आज चंडीगढ़ में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान यानी पीजीआईएमईआर में 'रोड अहेड-अपॉरच्यूनिटी एडं चैलेंजेज' विषय पर नए अकादमिक सत्र के उद्घाटन पर कही। गौरतलब है कि जनवरी में पीजीआईएमईआर का अकादमिक सत्र प्रारंभ होता है, संस्थान प्रत्येक वर्ष विभिन्न विशेषज्ञता के विषयों में 400 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों और विभिन्न 50 विभागों में सुपर स्पेशलटीज में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील कुमार अरोड़ा ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा 2018 में मेडिकल कॉलेजों में दूसरी रैंक प्राप्त करने के लिए पीजीआई को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्पर्धा के इस युग में किसी भी संस्थान को समय से आगे रहने के लिए स्वयं का सतत उन्नयन करना होगा। सुनील कुमार अरोड़ा ने कहा कि भविष्य की औषधि अधिक सम्मानजनक तरीके से मानव शरीर का इलाज करेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ इसमें अपनी अहम भूमिका निभाएगा। सुनील कुमार अरोड़ा ने मेडिकल विद्यार्थियों से चुनौती के समय भी अपना नैतिक मनोबल ऊंचा बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विचार विश्व में शासन करते हैं।
सुनील कुमार अरोड़ा ने कहा कि हम पहुंच और संसाधन के मामले में उतना सीमित नहीं हैं, जितना कि अपनी कल्पना के मामले में सीमित हैं। सुनील कुमार अरोड़ा ने कहा कि आज की औषधि बीते कल का अनुसंधान है और आज का अनुसंधान कल की औषधि बन जाएगी, इसलिए लीक से हटकर सोचने की जरूरत है। सीईसी ने कहा कि पीजीआईएमईआर का 50 वर्ष पुराना गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने कहा कि सवाल है कि आज से 10, 20 या 50 वर्ष में हम कहां देखते हैं, वर्तमान नेतृत्व की दूरदृष्टि, संकल्प तथा उत्साह इस बात का निर्धारण करेगा। पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।