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Friday 11 January 2019 02:06:50 PM
वाराणसी। राज्यपाल राम नाईक ने वाराणसी में कविश्रेष्ठ ग दी माद्गुलकर एवं गायक सुधीर फड़के की जन्म शताब्दी पर आयोजित ‘गीत रामायण’ मराठी के दो दिवसीय कार्यक्रम को सम्बोधित किया। उन्होंने कविश्रेष्ठ ग दी माद्गुलकर को आधुनिक वाल्मीकि बताया और कहा कि यह संयोग है कि जिस धरती पर रामायण की रचना की गई उसी काशी में इन महान विभूतियों की जन्मशती मनाई जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि ग दी माद्गुलकर गीत रामायण लिखते थे और गायक सुधीर फड़के उनको गाते थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने वनवास का ज्यादातर समय महाराष्ट्र के नासिक में त्रयम्बकेश्वर में व्यतीत किया था। उन्होंने उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश में स्थापना दिवस नहीं मनाया जाया करता था, लेकिन उनकी प्रेरणा से 2018 से सरकार ने उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाना प्रारंभ किया है और आगामी 24 जनवरी को पुणे में भी उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि जिसने भी, जिस रूप में भी भगवान श्रीराम का नाम जपा उसका उद्धार हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामचरितमानस की रचना काशी में हुई, तुलसीदास इसे संस्कृत में लिखना चाहते थे, लेकिन हनुमानजी की प्रेरणा से उन्होंने इसे लोकभाषा अवधी में लिखने का कार्य किया और श्रीराम की गाथा को देश-दुनिया में पहुंचाने का श्रेय महर्षि बाल्मीकि को जाता है। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति सदाचार और नैतिक मूल्यों से बंधा रहे तो अराजकता एवं अव्यवस्था पैदा हो ही नहीं सकती। उन्होंने कहा कि ‘गीत रामायण’ ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है, महर्षि वाल्मीकि ने वैदिक परम्परा को लौकिक रूप दिया, लोकभाषा का सशक्त माध्यम रामायण है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की परम्परा भक्ति की भी है और शक्ति की भी है और जब कभी भी देश में संक्रमणकाल आया है तो उत्तर प्रदेश को महाराष्ट्र से एक नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को आगे बढ़ाया जा रहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी इस कार्यक्रम में आए थे। उन्होंने बदली हुई काशी का गुणगान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वे 5 वर्ष बाद काशी आए हैं और काशी का विकास देखकर अभिभूत हैं, कुछ वर्ष के अंतराल पर काशी आने वाले यात्री यहां का विकास देखकर विस्मित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जैसे बहुत पहले लोग एक बार काशी आने की इच्छा जताते थे, वह दिन दूर नहीं जब लोग पुनः काशी आने की इच्छा जताएंगे। उन्होंने कहा कि ‘गीत रामायण’ ऐसी धरोहर है, जिसमें रामायण की सारी रचना गीत के रूपमें मिलती है। उन्होंने कहा कि 5 दशक से ज्यादा समय से मराठी मन पर ‘गीत रामायण’ ने राज किया है। उत्तर प्रदेश के सूचना राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने वाराणसी में ‘गीत रामायण’ के आयोजन के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निरीक्षण भी किया।