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भारत में उस्ताद कारीगरों की भरमार-जेटली

हस्तकला और हथकरघा कलाकृतियों का अवलोकन किया

दिल्ली में हुनरहाट का उद्घाटन देखिए! शानदार कारीगरी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 14 January 2019 05:29:29 PM

arun jaitley and mukhtar abbas naqvi visiting hunar haat exhibition

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी के साथ हुनरहाट का उद्घाटन किया। यह हुनरहाट दिल्ली के कनॉट प्लेस में बाबा खड़कसिंह मार्ग पर राज्य एम्पोरिया कॉम्प्लेक्स में 20 जनवरी तक लगेगा। अरुण जेटली ने इस अवसर पर कहा कि भारत उस्ताद कारीगरों की विरासत से भरा हुआ है और हुनरहाट जैसे कार्यक्रम इस विरासत की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने हुनरहाट के आयोजन के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय की सराहना की और कहा कि हुनरहाट भारतीय कारीगरों की प्रतिभा को समाने लाने का एक बड़ा प्रयास है। अरुण जेटली ने हस्तकला और हथकरघा की स्वदेशी उत्कृष्ट कलाकृतियों का अवलोकन किया और देश के कोने-कोने से यहां आए उस्ताद कारीगरों को प्रोत्साहित किया।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि हुनरहाट भारतीय कारीगरों और शिल्पकारों की स्वदेशी प्रतिभा का विश्वसनीय ब्रांड साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि हुनरहाट ने देश के कारीगरों और शिल्पकारों का सम्मान के साथ विकास सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने धर्म, क्षेत्र और जाति के स्पीड ब्रेकर को हटाकर विकास के राजमार्ग का निर्माण किया है और हुनरहाट इस राजमार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां कारीगरों के सशक्तिकरण का वाहन आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे देश की कला और संस्कृति हुनरहाट में एक छत के नीचे मौजूद है। उन्होंने कहा कि देश के कारीगरों और शिल्पकारों के पास शानदार कला की विरासत है, जिसे मोदी सरकार बढ़ावा दे रही है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनरहाट जैसे सरकार के रोज़गारोंमुखी कार्यक्रमों ने उस्ताद कारीगरों की समृद्ध पारंपरिक विरासत को प्रोत्साहित किया है और बढ़ावा दिया है, जो लंबे समय से हाशिए पर थे।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया, स्टैंडअप इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के प्रति प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हुनरहाट एक विश्वसनीय ब्रांड बन गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुनरहाट में महिलाओं सहित देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में आए उस्ताद कारीगर, पाक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। यहां केन और बांस, असम से जूट उत्पाद, झारखंड और बिहार से विभिन्न प्रकार के रेशम, उत्तर प्रदेश से वाराणसी सिल्क, लखनवी चिकनकारी, सिरेमिक, टेराकोटा, कांच के बने पदार्थ, पीतल के बर्तन, चमड़ा, कश्मीर नामदा, संगमरमर के उत्पाद, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के पारंपरिक हस्तशिल्प, अजरख, बंधेज, मिट्टी का काम, गुजरात से कॉपर बेल्स, ओडिशा के सिल्वर फिलिग्री उत्पाद, छत्तीसगढ़ का बांस शिल्प, मेरठ की कैंची जैसे स्वदेशी उत्कृष्ट हस्तशिल्प और हथकरघा के विभिन्न साज-सज्जा जैसे सामान उपलब्ध हैं।
हुनरहाट में आनेवाले अ‌तिथि अवधी खाना, राजस्थानी दाल बाटी और चूरमा, गुजराती थाली, महाराष्ट्र का भोजन, केरल के कटहल के व्यंजन जैसे स्वादिष्ट पारंपरिक भोजन और फ़िरनी, शाहितुकदा, हलवा, बंगाली मिठाइयां, राजकोट की मुंह में पानी लानेवाली जैसी मिठाइयों का लुत्फ उठा सकते हैं, साथ ही विभिन्न प्रकार के स्वाद वाले पान भी यहां उपलब्ध हैं। हुनरहाट में कव्वाली, सूफी गीत, पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिदिन आयोजित किए जाते हैं, जहां प्रसिद्ध कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। इससे पहले हुनरहाट का आयोजन इलाहाबाद, नई दिल्ली में प्रगति मैदान, पुदुचेरी और मुंबई में किया जा चुका है।

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