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Friday 18 January 2019 12:55:59 PM
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सारा टीम के मशीन भाषा अनुवाद सॉफ्टवेयर के प्रदर्शन पर कहा है कि लोगों को जानकारी और ज्ञान उनकी भाषाओं और बोलियों में उपलब्ध कराना भारत जैसे विविध, जटिल और बहुभाषी देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि मशीन अनुवाद को राष्ट्रीय मिशन के रूपमें लिया जाना चाहिए, ताकि हमारे लोगों को अपनी भाषाओं और लिपियों में प्राथमिकता के आधार पर जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। इस संदर्भ में उन्होंने सारा जैसी अनुवाद पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अनुवाद से संचार, विचारों और जानकारी के आदान-प्रदान में मदद मिलती है और यह भाषा एवं साहित्य को समृद्ध करने के साथ-साथ दुनिया को एक मंच पर भी लाता है। उन्होंने सारा का साथ देने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद की सराहना की और कहा कि यह एक अच्छी शुरूआत है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देश की भाषाओं का महत्व बतलाते हुए कहा कि संस्कृति के विकास के लिए मातृभाषा को बढ़ावा देना आवश्यक है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे लिए यह आवश्यक हो जाता है कि हम अगर अपने नागरिकों को शिक्षित और सशक्त बनाना चाहते हैं तो जानकारी और प्रौद्योगिकी तक पहुंच बनाने के लिए उनके सामने आनेवाली बाधाओं को दूर करें। उन्होंने कहा कि हमारी भाषाएं हमारा एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमारे इतिहास एवं एक समाज के रूपमें हमारा विकास, सुरक्षित और संरक्षित होना चाहिए। वेंकैया नायडू ने कहा कि हमारी अनेक प्राचीन भाषाएं क्षय के कगार पर थीं, जब कोई भाषा मर जाती है तो वह अपने साथ संपूर्ण संस्कृति के इतिहास को भी बहा ले जाती है। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में निर्देश आवश्यक रूपसे मातृभाषाओं में दिए जाएं। उन्होंने कहा कि सारा जैसे सॉफ्टवेयर सर्वश्रेष्ठ अनुवादित संस्करण लोगों की मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि सारा टीम ने अच्छे कार्य प्रदर्शन अनुवाद प्रणालियों के तेजी से विकास का वादा किया है। कृत्रिम आ सूचना को भविष्य की प्रौद्योगिकी करार देते हुए उन्होंने सारा टीम को इस अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए बधाई दी।
उपराष्ट्रपति ने मशीन अनुवाद प्रणालियों की निपुणता और लागत पर कहा कि मशीनें स्थिर नहीं थीं, वे नई चीजों को अपनाने, विकसित करने, भविष्यवाणी करने और निर्णय लेने में अधिक सक्षम थीं। उन्होंने कहा कि मशीन ट्रांसलेशन भविष्य के लिए बहुत बड़ा वायदा है, इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि अधिक कार्य निष्पादन वाली मशीन अनुवाद प्रणालियां विकसित करने का कार्य आज की तारीख तक एक बड़ी चुनौती है। उपराष्ट्रपति ने नेचुरल लैंग्वेज इंजीनियरिंग और मशीन ट्रांसलेशन पर सारा टीम के कार्य की सराहना की और हैदराबाद विश्वविद्यालय की भी प्रशंसा की। वेंकैया नायडू ने यह उम्मीद जाहिर की कि अगले कुछ वर्ष में अनेक भाषा युग्मों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली अनुवाद प्रणाली विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में 19500 से भी अधिक मातृभाषाओं के रूप विद्यमान हैं, जो हमारी महान भाषायी विविधता को दर्शाते हैं।