स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 29 January 2019 03:39:14 PM
पूसा (नई दिल्ली)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने विद्यार्थी कल्याण न्यास के पूसा नई दिल्ली में दो दिवसीय एग्रीविज़न 2019 सम्मेलन के उद्घाटन पर कहा है कि कृषि में कुशल मानव संसाधन कृषि उन्नति का आधार बने, इस दृष्टि से मोदी सरकार ने कृषि शिक्षा के उत्थान पर विशेष जोर दिया है, जिसके तहत कृषि शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन आए हैं। राधामोहन सिंह ने कहा कि कृषि शिक्षा को उपयोगी बनाने के लिए पांचवीं डीन समिति की सिफारिशों को सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू करा दिया गया है, इसके तहत कृषि डिग्री के पाठ्यक्रमों को संशोधित कर उनमें जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, बायो इन्फ़ौर्मेटिक्स, दूर संवेदी, जैविक खेती, कृषि व्यवसाय प्रबंधन आदि विषयों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें अनुभवजन्य शिक्षा, कौशल और उद्यमशीलता विकास पर जोर दिया जा रहा है, इसके साथ ही चार नए विषय बीटेक यानी बायो टेक्नोलॉजी, बीएससी समुदाय विज्ञान, बीएससी खाद्य पोषण और आहार विद्या तथा बीएससी रेशम उत्पादन को भी शामिल किया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि आईसीएआर ने हाल ही में 1100 करोड़ रुपये की कुल निधि के साथ प्रतिभाओं को आकर्षित करने और देश में उच्चतर कृषि शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना शुरू की है, जिसका विश्व बैंक और भारत सरकार द्वारा 50:50 साझा लागत के आधार पर वित्तपोषण किया जाएगा। इसके अलावा कृषि, बागवानी, मछलीपालन और वानिकी में चार वर्षीय डिग्री को व्यावसायिक डिग्री घोषित किया गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि पूर्वी भारत सहित पूर्वोत्तर में हरित क्रांति के संबंध में सरकार की पहल को सुदृढ़ करने के लिए राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रूपमें उन्नत किया गया है, आईएआरआई पूसा नई दिल्ली की तर्ज पर बरही झारखंड में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई है, एक अन्य आईएआरआई को असम में स्थापित किया जा रहा है।
राधामोहन सिंह ने कहा कि कृषि व्यापार में छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए ‘स्टूडेंट रेडी’ नाम से ग्रामीण उद्यमशीलता जागरुकता विकास योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत परास्नातक छात्रों को कृषि और उद्यमशीलता के लिए व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच एक समझौता दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके तहत देश के कृषि विज्ञान केंद्रों पर नियमितरूप से कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो कृषि एवं संबंधित विषयों पर आधारित हैं।