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Wednesday 30 January 2019 04:45:16 PM
मुंबई। केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने मुंबई में तकनीकी वस्त्रों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में वस्त्र मंत्रालय के तत्वावधान में तकनीकी वस्त्रों के लिए 207 एचएसएन कोड जारी किए। उन्होंने कहा कि मैं इसे न केवल तकनीकी वस्त्रों की संभावना शुरु करने के समारोह के रूपमें देखती हूं, बल्कि एक ऐसे उद्योग के रूपमें देख रही हूं, जो हमारे कृषि जीवन से लेकर हमारी आधुनिकता को प्रभावित करते हैं। स्मृति ईरानी ने कहा कि वर्ष 2020-21 तक इस क्षेत्र में वस्त्र बाज़ार का आकार बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वस्त्र मंत्रालय और फिक्की ने संयुक्त रूपसे किया था। उद्योग के लिए महत्वपूर्ण एचएसएन कोड की अधिसूचना को मील का पत्थर बताते हुए स्मृति ईरानी ने इस पहल में सरकार को दिशा दिखाने और प्रेरित करने के लिए वस्त्र उद्योग को धन्यवाद दिया।
वस्त्रमंत्री स्मृति ईरानी ने गवर्नमेंट ऑफ इंडियाज इनीशिएटिव्स इन टेक्नीकल टैक्सटाइल्स एंड नोटिफिकेशन ऑफ एचएसएन कोड्स फॉर टेक्नीकल टैक्सटाइल्स शीर्षक पर एक पुस्तिका भी जारी की। उन्होंने कहा कि आयात और निर्यात के आंकड़ों की निगरानी करने और तकनीकी वस्त्र क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पहला कदम एचएसएन वर्गीकरण पुस्तिका के अध्याय-1 से 99 में फैले तकनीकी वस्त्र मदों की पहचान करना और उन्हें अलग से अधिसूचित करना था। उन्होंने कहा कि तकनीकी वस्त्र मदों को पृथक श्रेणी के रूपमें घोषित करने की मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने तकनीकी वस्त्रों के रूपमें 207 एचएसएन कोड अधिसूचित किए हैं, इस कदम से भारत में तकनीकी वस्त्र क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। कृषि क्षेत्र से जुड़े वस्त्रों की संभावना के बारे में उन्होंने कहा कि यह साबित हो चुका है कि जो किसान एग्रोटैक का इस्तेमाल करते हैं, उनकी आय 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आकांक्षा है कि एग्रोटैक का योगदान सबसे आगे रहे, ताकि किसानों की आमदनी दोगुनी हो सके। वस्त्र मंत्री ने कहा कि तकनीकी वस्त्र उद्योग गर्व से कह सकता है कि हम उनकी मदद कर सकते हैं, जो हमारा पालन-पोषण करेंगे।
स्मृति ईरानी ने कहा कि तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में नौकरियों की संभावनाएं काफी हैं, प्रत्येक एक करोड़ निवेश से 70 नौकरियां सृजित होती हैं। उन्होंने कहा कि इससे अनुसंधान, शिक्षा और सुविधाओं जैसे परीक्षण प्रयोगशालाओं क्षेत्रों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि एग्रोटैक कंपनियों और कृषि विज्ञान केंद्रों के बीच भागीदारी काफी प्रभावी हो सकती है। उन्होंने मैकेन्जी ग्लोबल इंस्टीच्यूट की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार कृषि टेक्नोलॉजी को अपनाने से 2025 तक 90 मिलियन किसानों की मदद हो सकती है। वस्त्र मंत्री ने ऐतिहासिक स्वास्थ्य पहल आयुष्मान भारत की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार देशभर में 1.5 लाख स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रों को शुरू करने वाली है, जिनके लिए चिकित्सा वस्त्रों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण की आवश्यकता को देखते हुए हमारे घरेलू निर्माता मैडेटेक खंड के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और योगदान दे सकते हैं। तकनीकी वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के कदमों की जानकारी देते हुए वस्त्र मंत्री ने कहा कि तकनीकी वस्त्रों में 530 प्रोटोटाइम नमूने पहले ही मंत्रालय में विकसित किए जा चुके हैं, करीब 140 करोड़ रुपये की लागत से 8 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं, तकनीकी वस्त्रों में 22,000 भारतीयों को प्रशिक्षण दिया गया है, जमीनी स्तर पर करीब 650 सम्मेलन और सेमिनार हुए हैं, 11 इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं, सड़कों, जलाशयों के लिए 40 जियो टैक्सटाइल परियोजनाओं और स्लोप स्टेबीलाइजेशन को हाथ में लिया है, ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिससे सुनिश्चित हो कि किसान 54 एग्रोटैक प्रदर्शन केंद्रों में निरूपण के जरिए एग्रोटैक अपनाए और रोजमर्रा के कामकाज में एग्रोटैक के इस्तेमाल के बारे में किट्स वितरित किए गए हैं।
वस्त्र मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि तकनीकी वस्त्र उद्योग के विकास तथा उच्च गुणवत्तापूर्ण विशेष फाइबर के भारत में निर्माण के लिए शोध और अनुसंधान के संबंध में सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष फाइबर का आयात एक बड़ी चुनौती है और भारत इसे किफायती बनाने के लिए प्रयासरत है। स्मृति ईरानी ने घोषणा करते हुए कहा कि अगले महीने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सेंटर फॉर टेक्निकल टेक्सटाइल की स्थापना की जाएगी और सम्मेलन में विचार-विमर्श व परस्पर चर्चा तकनीकी वस्त्र उद्योग के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह सम्मेलन अगस्त 2019 में होने वाले टेक्नोटेक्स-2019 के लिए एक पूर्वावलोकन था। वस्त्र मंत्रालय के सचिव राघवेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने तकनीकी वस्त्र क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता दी है, कई निर्णय लागू किए हैं जैसे सरकारी निविदाओं में तकनीकी वस्त्र को विशेष महत्व देना। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने उद्योग के आकार का आकलन करने के लिए तकनीकी वस्त्र सर्वेक्षण की शुरूआत की है। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत ने कहा कि तकनीकी वस्त्र उत्पादों का मानकीकरण महत्वपूर्ण है और इन उत्पादों के लिए एचएसएन कोड की अधिसूचना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तकनीकी वस्त्रों के स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहन देना चाहिए, साथ ही कम गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात पर रोक लगनी चाहिए।
फिक्की के पूर्व अध्यक्ष रमेश शाह ने कहा कि सरकार का नए भारत के विजन के अनुरूप तकनीकी वस्त्र पर विशेष ध्यान है, जिसमें अगली पीढ़ी के ढांचागत सुविधाओं के विकास की बात कही गई है। रिलाइंस इंडस्ट्रीज के कार्यकारी निदेशक निखिल मेसवानी ने कहा कि वैश्विक स्तरपर तकनीकी वस्त्र तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है, इसकी विकास दर 6 प्रतिशत है, जो पॉलिस्टर क्षेत्र के विकास दर की दोगुनी है, आने वाले कुछ वर्ष में भारत में यह क्षेत्र 34 बिलियन डॉलर का हो जाएगा और इसकी विकास दर 20 प्रतिशत वार्षिक तक होने की संभावना है। वेलस्पन इंडिया के सीईओ और ज्वाइंट एमडी दीपाली गोयनका ने भारत में तकनीकी वस्त्र की क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।