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Thursday 31 January 2019 02:47:49 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के रेल, कोयला, वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने डाक विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के बैंकिंग गतिविधियों की दिशा में किए गए प्रयासों की कामयाबी के लिए बधाई दी है। आईपीपीबी लांच के दो वर्ष पूरे होने पर नई दिल्ली में एक विशेष समारोह में उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के सभी 1.55 लाख डाकघरों का लाभ उठाकर आईपीपीबी ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में अंतिम व्यक्ति तक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी वित्तीय समावेश को शामिल करके आर्थिक बदलाव और नए भारत का सृजन करने के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर संचार और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने भी देश में डिजिटल भुगतानों को सरल और लोकप्रिय बनाने के लिए बैंक के प्रयासों की सराहना की।
प्रसिद्ध कलाकार और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित सतीश गुजराल के वित्तीय समावेश पर डिजाइन किए गए स्मारक डाक टिकट समारोह में जारी किए गए। ‘ब्रेकिंग बैरियर्स’ नाम से एक कॉफी टेबल बुक जारी की गई। आकर्षक ढंग से चित्रित पुस्तक में दो वर्ष के दौरान आईपीपीबी की चुनौतीपूर्ण यात्रा का वर्णन किया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक के डाक विभाग को भुगतान बैंक लाइसेंस देने के साथ यह यात्रा 20 जनवरी 2017 को शुरू हुई थी, दस दिन की रिकॉर्ड अवधि के दौरान 30 जनवरी 2017 को 8 पहुंच बिंदुओं के साथ रायपुर और रांची में दो पायलट शाखाओं ने काम शुरू कर दिया था। मनोज सिन्हा ने बेहतर काम करने वाले पोस्टल सर्किलों, क्षेत्रों, अंचलों, शाखाओं और अनेक सर्किलों में कार्यरत पोस्टमैनों, डाक सहायकों और ग्रामीण डाक सेवकों को बेहतर काम करने के लिए पुरस्कार प्रदान किए। तेलंगाना सर्किल को सबसे अधिक पुरस्कार प्राप्त हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 650 जिलों मे 1 सितंबर 2018 को आईपीपीबी की शुरूआत की थी, चार महीने से कुछ अधिक अवधि में ही इसने देश में 1.25 लाख पहुंच बिंदु स्थापित किए। इसमें प्रमुख बात यह है कि इनमें से लगभग 1.10 लाख पहुंच बिंदु ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। बैंकिंग इतिहास में यह सबसे तेजी से स्थापित किए गए पहुंच बिंदु हैं। प्रतिदिन 800 से अधिक पहुंच बिंदु की स्थापना की औसत दर रही है। आईपीपीबी के पहुंच बिंदुओं की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित बैंकों की शाखाओं की संख्या से लगभग दोगुनी है। देश में वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने में आईपीपीबी आम आदमी के लिए सर्वाधिक सुलभ, सस्ते और विश्वसनीय बैंक होने के अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में पहुंच और नेटवर्क के रूप में सबसे बड़ा बैंक हो गया है।
बिना बैंक और कम बैंक का उपयोग करने वाली जनसंख्या के लिए मौजूदा अवरोध दूर करने के अपने लक्ष्य के लिए आईपीपीबी बैंक सेवाओं और भुगतानों को सरल बनाकर ग्राहक के दरवाजे तक ले गया है। आधार का उपयोग करते हुए यह बैंक मिनटों में कागज रहित डीबीटी अकाउंट खोलता है। क्यूआर कोड की अभिनव तैनाती और बिल के भुगतान के लिए बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके यह बैंक बिना स्मार्ट फोन वाले ग्राहकों के लिए भी आसानी से धन जमा और धन निकासी की सुविधा प्रदान कर रहा है। एक बड़े डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम में ढाई लाख से अधिक आखिरी मील तक आपूर्ति करने वाले एजेंटों यानी पोस्टमैन, जीडीएस को ग्रामीण क्षेत्रों में दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने तथा वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित और प्रमाणित किया गया है। इन विशेषताओं का लाभ उठाते हुए आईपीपीबी ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम की भागीदारी में सहायता प्राप्त यूपीआई की शुरूआत की है।दुनिया के इस सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे भुगतान मंच का फोन न रखने वाले लोग भी लाभ उठा सकते हैं।
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने अपनी शुरूआत से ही सेवाओं को अच्छी तरह से अपनाया है। करीब 30 लाख से अधिक ग्राहकों ने इसमें अपने बचत खाते खोले हैं तथा मनी ट्रांसफर, बिल भुगतान, नकदी जमा और निकालने जैसी बैंकिंग सेवाओं का अपने दरवाजे पर ही लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा एक लाख से अधिक डाकघर बचत खाताधारकों ने अपने पुराने डाकघर खाते आईपीपीबी से जोड़ लिए हैं, इस प्रकार वे मोबाइल बैंकिंग, डोर स्टैप बैंकिंग, एसएमएस और आईवीआर जैसे चैनलों के माध्यम से अंतर-बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। ये सेवाएं उन्हें पहले उपलब्ध नहीं थीं। ग्राहकों ने आईपीपीबी मोबाइल बैंकिंग एप डाउनलोड किये हैं और अब वे स्वयं सेवा डिजिटली बैंकिंग लेन-देन का लाभ उठाने में समर्थ हो गए हैं।
आईपीपीबी ग्राहकों ने चार महीनों की छोटी सी अवधि में ही 8 करोड़ रुपये से भी अधिक के 21 लाख से भी अधिक लेन-देन कर लिए हैं। आईपीपीबी ने डेढ़ लाख से अधिक बिल भुगतान किए हैं। अपनी कम नकदी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने की रणनीति के एक हिस्से के रूपमें इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने 10,000 से भी अधिक डाकघर काउंटरों पर एक सरल क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाया है। लगभग 25,000 ग्राहकों ने पिछले तीन महीनों के दौरान पीपीएफ, आरडी, सुकन्या समृद्धि योजना में अपने निवेश के लिए आईपीपीबी के माध्यम से 13 करोड़ रुपये मूल्य के डिजिटल भुगतान बिना डाकघर में आए किए हैं।