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Tuesday 5 February 2019 01:56:46 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में कोयला मंत्रालय ने पोलैंड गणराज्य के ऊर्जा मंत्रालय के साथ एक समझौता किया है, जिसपर भारत के कोयला और खान राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी और पोलैंड गणराज्य के ऊर्जा मंत्री ग्रेज़गोर्ज तोबीसजोवस्की ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर कोयला मंत्रालय में अपर सचिव सुरेश कुमार और भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुराकोवस्की भी मौजूद थे। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते का उद्देश्य पहले से स्थापित संयुक्त कोयला कार्य समूह के साथ-साथ अनुसंधान संस्थानों और दोनों देशों के बीच संबंधित क्षेत्रों को शामिल कर अध्ययन के जरिए कोयला खनन और स्वच्छ कोयला टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में संबंधों को बढ़ावा देना है।
भारत और पोलैंड में समझौते के तहत कोयला क्षेत्र में व्यापार और निवेश को बढ़ाने, कोयले से जुड़े ऊर्जा संबंधी मुद्दों खासतौर से स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों की समझ बढ़ाने और नीतियों, कार्यक्रमों तथा प्रौद्योगिकी के बारे में सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, जिसमें विशेष जोर कोयला अन्वेषण, दोहन, अनुसंधान विकास, तकनीकी सहयोग और क्षमता निर्माण पर होगा। समझौता के अंतर्गत लागू क्रियाकलापों की समीक्षा की जाएगी और भागीदार सहमति वाले आपसी सहयोग के अन्य क्षेत्रों की पहचान करेंगे। कोयला और खान राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने कहा कि भारत और पोलैंड व्यावसायिक कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे कर चुके हैं और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग समझौतों को स्वरूप प्रदान किया है।
कोयला और खान राज्यमंत्री ने सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने और लगातार जुड़े रहने के बाद समझौता ज्ञापन तैयार करने के लिए पोलैंड और भारत के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस समझौता से स्वच्छ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अत्यधिक लाभ मिलेगा और दोनों देशों को खनन और ऊर्जा के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार और निवेश बढ़ाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि समझौते के अंतर्गत बनाया गया संयुक्त कार्यसमूह एक निर्धारित समय पर समझौते के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि भारत में खनन के अन्य क्षेत्रों में सहयोग की काफी मजबूत संभावनाएं हैं।