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Thursday 7 February 2019 02:15:08 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल दिल्ली में मंत्रिमंडल के साथ बैठक की, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर विचार-विमर्श करके मंजूरी दी गई है। इसी प्रकार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिनेमेटोग्राफ अधिनियम 1952 में संशोधन के लिए सिनेमेटोग्राफ संशोधन विधेयक 2019 को प्रस्तुत करने से संबंधित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य फिल्म पायरेसी को रोकना है और इसमें गैर अधिकृत कैमकोर्डिंग और फिल्मों की कॉपी बनाने के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों को शामिल करना है। गौरतलब है कि फिल्म उद्योग की लम्बे समय से मांग रही है कि सरकार कैमकोर्डिंग और पायरेसी रोकने के लिए कानून संशोधन पर विचार करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 जनवरी 2019 को राष्ट्रीय भारतीय सिनेमा म्यूजियम के उद्घाटन पर घोषणा की थी कि कैमकोर्डिंग और पायरेसी निषेध की व्यवस्था की जाएगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने तीन हफ्तों के अंदर केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष इस संबंध में विचार के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे मंजूरी दे दी गई है।
नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने फिल्म पायरेसी को रोकने के लिए संशोधन में कई प्रमुख तथ्यों को शामिल किया है जैसेकि-गैर अधिकृत रिकॉर्डिंग को रोकने के लिए नई धारा 6एए को जोड़ना, सिनेमेटोग्राफ अधिनियम 1952 की धारा 6ए के बाद धारा 6एए जोड़ी जाएगी, जिसके तहत अन्य कोई लागू कानून के बावजूद किसी व्यक्ति को लेखक की लिखित अनुमति के बिना किसी ऑडियो विजुअल रिकॉर्ड उपकरण के उपयोग करके किसी फिल्म या उसके किसी हिस्से को प्रसारित करने या प्रसारित करने का प्रयास करने या प्रसारित करने में सहायता पहुंचाने की अनुमति नहीं होगी। लेखक का अर्थ सिनेमेटोग्राफ अधिनियम 1957की धारा 2 उपधारा-डी में दी गई व्याख्या के समान है। धारा-7 में संशोधन का उद्देश्य धारा-6एए के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में दंडात्मक प्रावधानों को पेश करना है। मुख्य अधिनियम की धारा-7 में उपधारा-1 के बाद उपधारा-1ए जोड़ी जाएगी।
फिल्म पायरेसी संशोधन विधेयक के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति धारा-6एए के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसे 3 साल तक का कारावास या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों ही सजा दी जा सकती है। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का कहना है कि प्रस्तावित संशोधनों से राजस्व में वृद्धि होगी, रोज़गार का सृजन होगा, भारत की राष्ट्रीय आईपी नीति के प्रमुख उद्देश्यों पूर्ति होगी और पायरेसी तथा ऑनलाइन विषयवस्तु की कॉपीराइट उल्लंघन के मामले में राहत मिलेगी। समय के साथ एक माध्यम के रूपमें सिनेमा, इसकी प्रौद्योगिकी, इसके उपकरण और यहां तककि दर्शकों में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। भारत में टीवी चैनलों और केबल नेटवर्क के विस्तार से मीडिया और एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में कई परिवर्तन हुए हैं। नई डिजिटल तकनीक का आगमन हुआ है और विशेषकर इंटरनेट पर पायरेटेड फिल्मों के प्रदर्शन से पायरेसी के खतरे भी बढ़े हैं, जिससे फिल्म उद्योग और सरकार को राजस्व की अत्यधिक हानि होती है।