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Wednesday 13 February 2019 01:28:04 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत में जलवायु क्रियाओं के बारे में ‘भारत जलवायु समाधानों का नेतृत्व कर रहा है’ नाम से एक प्रकाशन जारी किया है, जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने और अनुकूलनता के लिए विभिन्न क्षेत्रों के तहत भारत की प्रमुख कार्रवाइयों का उल्लेख किया गया है। प्रकाशन को जारी करते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत दुनिया में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तरपर जलवायु परिवर्तन के विविध पहलुओं पर कार्य करने वाला दुनिया का एक सक्रिय देश बन गया है। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि प्रकाशन में न केवल जलवायु कार्रवाई के बारे में भारत की उपलब्धियों को उजागर किया गया है, बल्कि भविष्य के लिए तैयारी का भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रकाशन में जिन पहलों का उल्लेख है, वें सतत विकास प्राथमिकताओं के साथ अच्छा संतुलन कायम करते हुए जलवायु परिवर्तन की चिंताओं का समाधान करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि हमसब यह जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या बन गया है और पूरी दुनिया में लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन ने हमारे पर्यावरण और समाज के सामने गंभीर चुनौती पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बारे में निराश या भयभीत होना तो आसान है, लेकिन हर समस्या का समाधान होता है, बस हमें केवल उसे खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन 4 वर्ष के दौरान राज्य और राष्ट्रीय स्तरपर शुरू की गईं अनेक स्वच्छ और हरित विकास पहलों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और अनुकूलनता के बारे में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि ई-मोबिलिटी, हरित ढुलाई, नवीकरणीय ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन, वनीकरण और जल आदि विभिन्न क्षेत्रों में अनेक नई नीतियां और पहल शुरू की गई हैं, ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की कुछ प्रमुख पहलों में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना, जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय अनुकूलनता निधि, जलवायु परिवर्तन कार्ययोजना और जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्ययोजना शामिल हैं।
जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने जानकारी दी कि वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य, स्मार्ट शहरों, विद्युत वाहनों, ऊर्जा दक्षता, पहलों तथा अप्रैल 2022 तक भारत स्टैज -4 से भारत स्टेज -5 उत्सर्जन मानदंडों को लागू करने जैसे कार्यों को सक्रियतापूर्वक शुरु किया गया है, ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 74 गीगावाट से अधिक है, जिसमें 25 गीगावाट सौर ऊर्जा भी शामिल है। उन्होंने बताया कि भारत का वन और वृक्ष क्षेत्र 2015 के आकलन की तुलना में 1 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने बताया कि एलईडी वितरण के लिए उज्ज्वला जैसी योजना ने 320 मिलियन की संख्या को पार कर लिया है, जबकि ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं के लिए 63 मिलियन से भी अधिक परिवारों को स्वच्छ कुकिंग चूल्हों का वितरण कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि दूसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट में ये तथ्य दर्शाया गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पादन की उत्सर्जन तीव्रता 2005 से 2014 के बीच घटकर 21 प्रतिशत कम हो गई है।