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Thursday 14 February 2019 03:59:35 PM
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने देश और समाजहित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हुए कल दिल्ली में एक बैठक में एनआरआई यानी अनिवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक 2019 को सदन में पेश करने को स्वीकृति दे दी है, जिसका उद्देश्य अब ज्यादा जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतीय नागरिकों, विशेषकर एनआरआई जीवनसाथी द्वारा अपनी पत्नी का उत्पीड़न करने के खिलाफ उन्हें अपेक्षाकृत अधिक संरक्षण प्रदान करना है। विधेयक में कानूनी रूपरेखा में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है, ताकि इससे दोषी एनआरआई जीवनसाथियों पर लगाम लग सके एवं ज्यादा जवाबदेही सुनिश्चित हो सके और एनआरआई से विवाह करने वाले भारतीय नागरिकों को उत्पीड़न के खिलाफ संरक्षण मिल सके।
एनआरआई विवाह पंजीकरण विधेयक पारित हो जाने पर अनिवासी भारतीयों की शादियों का पंजीकरण भारत अथवा विदेश स्थित भारतीय मिशनों एवं पोस्ट में कराना होगा और इसके लिए कुछ आवश्यक बदलाव करने होंगे जैसे-पासपोर्ट अधिनियम 1967 और धारा 86ए को शामिल करते हुए फौजदारी या दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में बदलाव। नरेंद्र मोदी सरकार का कहना है कि भारत में अदालती कार्यवाही के लिए न्यायिक सम्मन जारी करना एक प्रमुख समस्या है, जिसके लिए इस विधेयक में आवश्यक प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए फौजदारी अथवा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में संशोधन किया जाएगा। अत: इस विधेयक के फलस्वरूप अनिवासी भारतीयों से विवाह करने वाले भारतीय नागरिकों को अपेक्षाकृत ज्यादा संरक्षण मिलेगा। इसके साथ ही यह विधेयक अपने जीवनसाथी का उत्पीड़न करने वाले अनिवासी भारतीयों पर लगाम लगाएगा। इस विधेयक से विश्वभर में अनिवासी भारतीयों से विवाह कर चुकीं भारतीय महिलाएं खासकर लाभांवित होंगी।