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एचआरडी ने शुरु किया ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड

'देशभर के प्रत्येक क्‍लासरूम में डिजिटल शिक्षा का विस्‍तार'

अध्‍ययन के साथ अध्‍यापन भी लोकप्रिय होगा-जावड़ेकर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 21 February 2019 12:23:35 PM

prakash javadekar addressing a press conference on operation digital board

नई दिल्ली। भारत सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टेक्‍नोलॉजी का लाभ उठाने और देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड की शुरुआत की है। दिल्‍ली में एक संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड एक क्रांतिकारी कदम है, जो अध्‍ययन के साथ-साथ अध्‍यापन की प्रक्रिया को संवादमूलक तथा शिक्षा-विज्ञान संबंधी दृष्टिकोण के रूपमें अध्‍ययन को और अधिक रोचक व लोकप्रिय बनाएगा। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि डिजिटल बोर्ड देशभर के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्‍त स्‍कूलों में कक्षा 9 से लेकर उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में शुरु किया जाएगा। यह प्रक्रिया 2019 के आगामी सत्र से शुरू हो जाएगी।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि ओडीबी का उद्देश्‍य कक्षा को डिजिटल क्‍लासरूम में बदलना है और साथ ही छात्रों को किसी भी स्‍थान पर किसी भी समय ई-संसाधन उपलब्‍ध कराना है, इससे व्‍यक्तिगत अनुकूलनीय ज्ञान के साथ मशीन ज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का दोहन करके कुशल अध्‍यापन का प्रावधान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि एक विशेषज्ञ समिति ने ओडीबी के अंतर्गत डिजिटल क्‍लासरूम का अधिकतम विन्‍यास तैयार कर लिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में शिक्षा क्षेत्र जिस बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है, वह देश में मान्‍य गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने की है, हालांकि हमारे पास बड़ी संख्‍या में प्रमुख संस्‍थान हैं, जो दुनिया के श्रेष्‍ठ संस्‍थानों से मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों और स्‍कूलों में गुणवत्तापूर्ण अध्‍ययन में सुधार की आवश्‍यकता है, क्‍योंकि इन संस्‍थानों से निकलने वाले छात्र खुद को समाज और बाज़ार की जरूरतों के अनुसार उपयुक्‍त नहीं पाते। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक प्रौद्योगिकी और संपर्क के प्रसार ने इस मुद्दे के समाधान का अवसर दिया है, जिसका उद्देश्‍य शैक्षणिक मानकों को समानता देना है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ई-पाठशाला, दीक्षा, एनआरओईआर, एनपीटीईएल, ई-पीजी पाठशाला स्‍वयं और स्‍वयं प्रभा डीटीएच चैनल आदि ने उच्‍च गुणवत्ता की पर्याप्‍त सामग्री प्रदान की है, जिसे प्रत्‍येक कक्षा तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक हस्‍तक्षेप से अध्‍यापन का स्‍तर बेहतर हो सकता है, चाहे स्‍कूल और कॉलेज या संस्‍थान कहीं भी हो इस तरह के प्रौद्योगिकी आधारित ज्ञान से देशभर के अध्‍यापकों को प्रेरणा मिल सकती है और वे अपने अध्‍यापन के स्‍तर को और भी ज्यादा बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में ओडीबी के लिए यूजीसी कार्यांवयन एजेंसी होगी। उन्होंने बताया कि यूजीसी ने 29 जनवरी को एक बैठक में 2022 तक देश के प्रत्येक क्‍लासरूम में डिजिटल शिक्षा का विस्‍तार करने के लिए एक प्रस्‍ताव पारित किया था, जिसमें यह अनुमान लगाया गया कि संस्‍थानों में 5 लाख क्‍लासरूम होंगे, जिन्‍हें केंद्र अथवा राज्‍य सरकारें सहायता देंगी।

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